Mohd. Anees   (अनीस 'राही')
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Joined 9 August 2018


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7 SEP AT 8:16

उड़ानों पर सपनों को भारी रख
झुकना हो झुकने की तैयारी रख
आसमां ज़्यादा देर रुक न पाओगे
तेरा एक क़द है ख़ुद को मैयारी रख

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1 SEP AT 11:59

बारिश हो चुकी है पानी की बहुत
परेशानी बढ़ी है जिंदगानी की बहुत

मौला तेरे करम के तलबगार हैं हम
आरज़ू है हमें तेरी मेहरबानी की बहुत

तेरे रहम की बारिश हो जाए हम पर
हद हो गई हमारी नादानी की बहुत

हर इक ग़म ने दी है तजुर्बों की शिकस्त
सीख ली ज़िंदगी ने कहानी की बहुत

राही तुझे है तेरे सहारे का यक़ीं
दास्ताँ बन गई है वीरानी की बहुत

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1 SEP AT 9:31

बादल घूम रहे चारों ओर,
बरसातों का मचा है शोर।
मौसम ने बदला अपना तौर,
पानी–पानी हुआ चहुँ ओर।
पानी–पानी हुआ चहुँ ओर।।

होश में आओ ऐ इंसान,
नहीं चलेगी मन की आन।
कर्म बदलोगे, मौसम बदलेगा,
परेशानी का बढ़ेगा जोर।
ठिकाना मिलेगा न कोई ठौर,
पानी–पानी हुआ चहुँ ओर।
पानी–पानी हुआ चहुँ ओर।।

आओ मिलकर करें विचार,
प्रकृति का संरक्षण है आधार।
धरती पर न हो अत्याचार,
रखना होगा इसका सत्कार।
कर्मों पर अपने करो तुम गौर,
पानी–पानी हुआ चहुँ ओर।
पानी–पानी हुआ चहुँ ओर।।

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30 AUG AT 9:48

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30 AUG AT 8:14


छोटे छोटे लक्ष्य बनाकर,
सपनों को पंख लगाकर,
निकल पड़ो साथ निभाकर,
ख़ुश हो जाओ लक्ष्य पाकर।

थोड़ी थकन, थोड़ी रुकावट,
फिर भी न टूटी है हिम्मत,
हर मुश्किल देगी सीख नई,
हर हार में छुपी जीत वहीं।
आगे बढ़ो भरोसा रखकर,
ख़ुश हो जाओ लक्ष्य पाकर।

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29 AUG AT 22:14

सीखा न था प्यार का सबक भोले थे
न वादा था, न कोई क़रार, न गिले थे

तुमसे जब तलक हम नहीं मिले थे
सीने में धड़कन के नहीं सिलसिले थे

मौसम-ए-ख़िज़ाँ फिर विदा हो गया
गुलशन में गुल रंग-ओ-ख़ुशबू में ढले थे

आंखें मिलीं तो धक-धक हुआ दिल
इश्क़ की बग़िया में नए फूल खिले थे

‘राही’ की ग़ज़ल में है तेरी ही झलक
जैसे मेरी साँसों में तेरे सिलसिले थे

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29 AUG AT 7:45

किसी बहम में मुब्तिला हूं
किसी गुमान में मुब्तिला हूं

मकानों जैसे रिश्तों के बीच
मैं एक दुकान में मुब्तिला हूं

लुटी हुई हैरानियों के बाद भी
उसके ही ध्यान में मुब्तिला हूं

संवारने को पुराना सा घर
मैं इस जहान में मुब्तिला हूं

ख़ुद अपने दिल की वीरानी से
हर इक इम्तिहान में मुब्तिला हूं

रहेगा नाम मेरा "राही" सदा
मैं एक अभिमान में मुब्तिला हूं

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28 AUG AT 15:59

खोदे पहाड़
आई जो बरसात
ढहे पहाड़

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28 AUG AT 9:33

प्यारे योरकोट
जब से साथ मिला
हम शेयर करते हैं
तुझसे अपने नोट
प्रेरित करते हो तुम
लिखने को नया
हर दिन हर रोज़
आपसे जुड़े हुए सात साल हो चुके है, अगस्त २०१८ में आपसे जुड़े और अगस्त में ही पहला कोट योरकोट पर लिखा।
गर अगस्त में आपका जन्मदिन है तो अगस्त में ही मेरा तुमसे जुड़ाव दिन है।
आज ऐसे कई सारे एप उपलब्ध है मैंने कईयों को आजमाया भी है मगर मुझे योरकोट ही भाया है।
योरकोट से एक अपनापन और लगाव सा हो गया है। ख़ैर
आपको जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो। आप तरक्की करे। आपके साथ हमारे लेखन में सुधार होता रहे। पुनः बधाई।

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27 AUG AT 20:49

स्मरण करें जब अंतःकरण
विघ्न हरने आते विघ्नहरण
काज शुरू करने से पहले
करते सब जिनका स्मरण
आशिर्वाद मिले गणपति गणेश का
मोदक अर्पित कर छू चरण

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