सोते-सोते एक उम्दा ख्वाब आया
नई दुनिया बसाने का विचार लाया
बहुत सारे लोग थे एक जगह इकट्ठा
मिलकर कर रहे थे सब हंसी ठठ्ठा
कोई योग कर रहा था कोई नमाज़
पूजा हो रही थी कहीं, कहीं अरदास
किसी की भी न हुई भावना आहत
अपने इष्ट की कर रहे सब इबादत
उठाकर हाथ मैंने ये लगाईं अरदास
अब नींद टूटे न ख़्वाब है मेरी ये आस
नींद खुलने से पहले मेरी अर्जी मान लें
वो अक़्ल दे हमें जिससे तुझे पहचान लें-
Poet by passion
Whole sky is mine
With some limitations
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राह के पत्थर ही रास्ते का पता बताते हैं
लगा लगाके ठोकरें मंज़िल पर पहुंचाते हैं
भटके हुए राही छांव में बैठकर सुस्ताते हैं-
एक मोड़ पर ही ज़िन्दगी ठहर नहीं जाती
रुक गये जो मोड़ पर फिर मंज़िल नहीं पाती
ढूंढने पड़ते हैं क़दमों के निशां, यात्रा सिखाती
मंज़िल ख़ुद ही अपना पता कभी नहीं बताती
मंज़िल के सफ़र में अगर जुदाई भी आएं
किसी मोड़ पर रास्ते अलग हो भी जाएं
अगले एक मोड़ पर फिर मिलती है राहें
जहां मुन्तजिर मिलती है खुली हुई बांहें
सही वक्त पर एक सही मोड़ पर मुड़ जाना
सही मोड़ पर एक सही पथ का मिल जाना
राह-ए-पुरख़ार पर गुलों का जैसे खिल जाना
सफ़र का एक पड़ाव फिर मंज़िल मिल जाना-
उम्मीदों की लहर है अंदर
तुफानों से भरा है समन्दर
किश्ती तू डाल दे अपनी
लहरों का बनकर सिकंदर
भंवर के बीच में देख कहीं
साहिल नज़र आये अक्सर
सोच समझकर क़दम बढ़ा
हार जीत में होंसले का अंतर
ऐ आसमां बुलंदी पर न इतरा
दरिया में दिखे है नीला अंबर
चाल से अपनी चल ऐ 'राही'
न तु बादशाह कोई, न कलंदर-
आज होली है मनभावन, बसंत की है बहार
रंग संग उमंग है, मन भी है उड़ने को तैयार
रंगों का ये त्योहार है रंग इसमें सारे ही तो हैं
लाल हरे का भेद नहीं सब मुझे प्यारे ही तो हैं
किस को लगाएं रंग और किस को छोड़ दें
रंगों की छाप से रब्बा सारे दिलों को जोड़ दें
उड़ते उड़ते ये रंग बिखर गये फिज़ा में चहुंओर
होली है भई होली है गली गली में मचा है शोर-
वक़्त हमारा हुआ मेहनत हमारी है
दुनिया पे छा जाने की पुरी तैयारी है
इश्क़ हो या खेल बेमानी न की हमने
चैंपियन है हम और ट्राफी हमारी है-