जे पिंड दे यार मिलने दे ओ हंसना हसाना नईं हुंदा । ते जे दे अहमियत पैसे नू ओ दोस्ताना दोस्ताना नईं हुंदा। ओ मिठिया गल्ला करके आप नू मतलब रक्खे, वो अपड़ा यार पुराना नईं हुंदा।।
अजीब सी ये बेचैनी। अजीब से ये फांसले। मिल जाए मुझे सुकूं कोई, जो घर मेरा वो बांध ले।। भाग दौड़ है ज़िंदगी। भाग दौड़ भरे ये रास्ते। न मिलता कोई मेरा मुझे, जो परिवार जैसा साथ दे।। खींच तान है हर जगह। ये जल्दबाजी सब तरफ। आवो हवा मे है जहर, न गांव जैसी बात है। दिन तो ठहरा दिन यहां। यहां रात भी न रात है।। हर तरफ सहसा धुआं। बस ख्वाइशों की बात है।।