यदि संकल्प दृढ़ हो
तो दीप भी सूर्य के समान है-
खूबसूरत चाहत है मेरे दुश्मनो की,कि मैं चमकदार हो जाऊं
ज़मीं का ना रहूँ, आसमाँ का तारा हो जाऊं-
सृष्टि का भरण पोषण करने वाले, वह समस्त चराचर प्राणियों के आधार हैं,
जिसने की सूर्य भगवान की उपासना, उसका हुआ उद्धार है।
सूर्यनारायण कहलाने वाले, वह ज्ञान की रोशनी सब में जगाते हैं,
सूर्य भगवान की कृपा से हम बल , यश, आयु पाते हैं।
श्री राम भी करते थे भगवान सूर्य की उपासना,
सूर्य देव की कृपा सब पर बनी रहे, यही है समृद्धि की प्रार्थना।-
यदि बनना है निडर और विद्वान,
तो करो रविवार को भास्कर का ध्यान।
मार्तण्ड की आराधना यदि हम करते हैं, तो दिनकर मनुष्य में मधुर वाणी और अच्छे विचारों को उजागर कर, जीवन से बुरे विचारों को दूर करते है।
समृद्धि का यही है कहना,
कि रविवार को 'ॐ सूर्याय नमः' कहकर जल अर्पित करते रहना।-
न जाने कितने सच और झूठ देखे, फिर भी उसी सच्चाई के साथ उगता हूँ ,
मेरा तपना जलना कोई ना देखे, रोशनी सबको देता हूँ।-
सगळे म्हणतात " मी तुझ्यासाठी चंद्र तारे तोडून आणेल"
पण असं कोणीच म्हणत नाही की,,
"मी तुझ्या आयुष्याच्या अंधकारात सूर्याप्रमाणे प्रकाश देईल"-
शब्द कम है कैसे करू अभिव्यक्ति
है ईश्वर तुम है दो अब शक्ति
सुबह की ये पहली किरण
देती सबको है ये तो नवजीवन
ये किरण लाई है कुछ प्रेम की बूंदें
ओस जो है कहलाती
पत्तों को जो सोने जैसी है दमकाती
हे किरण! खोल दे पट मेरी सुप्त चेतना के
रंग सारे हो बोझिल अवमानना के
नवीन भौर के साथ
नवीन कुछ कार्य करना है
कल जहां तक थे पहुंचे
वहां से अब आगे बड़ना है
किरण ने फैलाया उजाला
जीवन तिमिर हर लिया सारा
नवजीवन का संचार हुआ
किरणों ने अंक में भर आश्वाशन दिया
अब और न जीवन में अंधेरा रहेगा
ये अज्ञान रूपी कोहरा अब तो छटेगा-
भानु का संबंध सिर्फ प्रकाश से नहीं हमारे जीवन से है, हमारे भीतर भी एक सूर्य विद्यमान है जिसका अधिकतर लोगों को नहीं ज्ञान है।
यदि भीतरी सूर्य को जागृत रखेंगे सदा, शरीरिक स्वास्थ्य, खुशहाली, उत्साह, उर्जा से जीवन रहेगा भरा।
भीतरी सूर्य जीवन में मानसिक व शारीरिक संतुलन कायम करता है, जिससे आप बहुत सारे कार्य जीवन में कर सकते हैं जो आप की विशेषताओं को बढ़ाते हैं,
आपको उन्नति की ओर अग्रसर करवाते हैं।
समृद्धि का यही है कहना, हर रविवार भानु को नमस्कार करते रहना।
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सुबह का सूर्य एक चुनौती...🌅
जीवन समरभूमि...⚔️
तुम एक योद्धा...🏹
समय तुम्हारा समर्पण मांग रहा है...🧭
विजय📯की घोषणा कल का सूर्य करेगा...🌤
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मैं कोई चाँद नही,
न ही है मुझमें चाँद के गुण।
मुझमे है सूर्य जैसी तपिश...
जो चाहती है उन सभी
प्रथाओं, अंधविश्वास और
नीच सोच को जला कर
ख़ाक कर देना जो देखना
चाहती है स्त्रियों को
चाँद की तरह....
(पूरा अनुशीर्षक में)....-