हवाओं ने मुझको दर-ब-दर किया हुआ है,
वफ़ाओं ने भी कुछ मेरे साथ अच्छा नहीं किया...!-
28 AUG AT 18:46
7 AUG AT 19:33
अतीत पीड़ा, वर्तमान परीक्षा, भविष्य संभावनाओं से भरा है। इसलिए इस एक सूत्र को स्वीकार किया..बस चलते रहो..।
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10 JUN AT 9:38
अभी कल की ही तो बात है, यह जीवन किस क्षण कहां मुख मोड़े पता नहीं, वह परमसत्ता कब किस कर्म का फल देदे पता नहीं....
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17 MAY AT 19:21
अपनी हस्ती अपने वजूद को मिटाके चले हैं हम
उस हर नई डगर पर मुस्कुराके चले हैं हम...
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5 MAY AT 15:04
कुछ तो छूट गया था यहां मेरा,
जिसकी तलाश में आता जाता रहता हूं...-
29 APR AT 18:44
जो चीज़ तेरे नहीं थी किसी काम की ,
उसे अब दे दिया उसको जिसके थी काम की।-
25 MAR AT 9:41
जब आपको लगे मेरी दुनिया बहुत छोटी हो गई है, वही सही समय है, अपने पंखों को खोलने का...
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