जो चीज़ तेरे नहीं थी किसी काम की ,
उसे अब दे दिया उसको जिसके थी काम की।-
जब आपको लगे मेरी दुनिया बहुत छोटी हो गई है, वही सही समय है, अपने पंखों को खोलने का...
-
मैंने उसे नवाज़ा बेपनाह मुहब्बत से
वो ऐसा मालिक बन बैठा,
खुदा से भी ऊपर हो गया।
-
छुट जाएगा सब तेरे हाथ से खुद ही एक दिन, अभी आनंद कर बीते ज़ख्मों पर नमक ना लगा...
-
उज़ाले और अंधेरे सब देन हैं उसी की,
मैं उसमें भी खुश था मैं इसमें भी खुश हूं...-
अपने जीवन को स्वयं नियंत्रित करो, अपने एकांत को दृढ़ करो, अपने भीतर की सत्ता को धीरे धीरे बहने का अवसर दो ताकि अपने जीवन का वास्तविक लक्ष्य पकड़ पाओ।
-
हम साहित्य के चाहने वालों को बेरंग शहर अच्छे नहीं लगते। हमें तो पंछीओं का चहकना भी चाहिए और मिट्टी की खूशबू भी, रीति रिवाज़ों की धमक भी चाहिए और मां गंगा की कलकल बहती धारा के किनारे की शांति भी, प्राचीनता की गूंज भी और आधुनिकता का शोर भी और भी बहुत कुछ या यूं समझिए सब चाहिए बस प्रेम के आवरण में ढ़का हुआ।
-
या तो पूरा अपना लो
या फिर पूरा ठुकरा दो
ये बीच के संबंध मुझे समझ नहीं आते।-