सूखे गुलाब गवाह हैं इस बात के,
कि वक़्त के साथ प्यार के फूल भले ही
बेरंग और बेजान हो जाए,
लेकिन नफ़रत के कांटे और भी ज्यादा,
मजबूत और सख़्त हो जाते हैं।-
19 APR 2019 AT 10:42
17 APR 2020 AT 0:26
फिर मिलना हुआ तो
मिलेंगे ख्वाबों में
जैसे सूखे गुलाब
मिलते है किताबों में
हर गुलाब की
किस्मत में नहीं
किसी किताब
में घर मिलना
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13 FEB 2022 AT 0:19
मन की रिक्त थाली में
वादों के जो सूखे गुलाब
परोसे थे तुमने...!
बहुत सँभाल कर
रखे हैं हमने...!!— % &-
5 SEP 2020 AT 17:05
तेरे दिए इन सूखे गुलाबों
सी हो गयी है जिंदगी,
ज़िंदगी तो आज भी है,
मगर बेज़ान,
बेरंग और गंधहीन....-
13 MAR 2020 AT 16:32
तुमसे मिला गुलाब आज कुछ पूछता है,
मेरी किताब में बंद वो सूखता है।
मुझसे प्यार है तो ज़ुबां से केह देते
किसी को मार के क्यू इज़हर- ए- वफ़ा होता है।
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8 JAN 2019 AT 12:34
जला कर यादों को... रौशन तन्हाइयाँ करते हैं
फिर पलट कर पन्ने सूखे गुलाबों से बातें करते हैं...M.A.-
7 JUL 2024 AT 21:50
कुछ फूलों की खुशबू कभी नहीं जाती,
जैसे किताब के पन्नों के बीच पड़े सूखे गुलाबों की...!-
12 JUN 2020 AT 10:30
सूख गई पंखुड़िया गुलाब की ,
उनके इंतज़ार में ।
बेसक ये ...
मोहब्बत_ऐ_इज़हार न था।।-