Usha patel   (Usha_ patel)
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Joined 12 April 2019


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10 APR AT 0:04

"रियल जिंदगी"
V/s
"सोशल मीडिया"

( पूरी रचना अनुशीर्षक में पढ़े)
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2 APR AT 20:56

|| अश्कों का दरिया ||

इश्क़ अश्कों का दरिया है, उसे तो बह जाना है।
ग़म के समन्दर में उसे डूब जाना है।

कुछ नहीं मिलता, कभी मिलता दगा भी वफ़ा के बदले,
फ़िर भी इश्क़ के रंग में डूब जाना है।

कैसे बताये तुम्हें कैसा है ये इश्क़ हमारा,
तुम्हें तो परवाह नहीं, बस घाव दे जाना है।

अब तो रातें भी कटती नहीं बहे
अश्कों का दरिया रात भर,
पर तुम्हें क्या परवाह, तुम्हें तो बस दिल तोड़ जाना है।

प्यार करना जैसे कोई गुनाह हो गया हमसे,
सारे सपनें टूट कर बिखर गये,
तुमको तो हमें बेसहारा कर जाना है।


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27 MAR AT 23:04

अकेले आये है, अकेले ही जाना है, मुझे अकेले रहने दो।
ज़िन्दगी के इस झमेले से दूर खुद में ही रहने दो।

सफ़र में कोई साथ नहीं होता, अकेले ही जाना है,
आंधी आये या तूफान, मुझे अकेले ही लड़ने दो।

मौसम बदलता है, ख्वाहिशें भी बदलती है,
इन हसीन वादियों में जरा मुझे गुम हो जाने दो।

खुद को ही भुला दिया था, अब करनी है खुद से बहुत सी बातें,
इसलिए मुझे अपने संग जरा जी लेने दो।

बहुत किया सबकी खुशी के लिए कि अपनी खुशी ही गँवा बैठा,
अब खुशी के कुछ लम्हें हमें अकेले जी लेने दो।

ज़िन्दगी का कोई भरोसा नहीं, कब मौत आ जाए,
इसलिए आज का दिन हंसी- खुशी जी लेने दो, मुझे अकेले रहने दो...।

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27 MAR AT 21:00

इन हरी- भरी वादियों में,
होगा मेरा- तेरा मिलन।
रोम रोम में महकेगा ये फूलों का चमन।
इन हरी- भरी वादियों में,यूँ खोजायेंगे,
सपनों की दुनिया में बस जायेंगे।

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26 MAR AT 21:26

|| होली: रंग और मिठास ||

फागुन संग बसंत में, मधुरिम प्रेम- मिलाप।
तन मन सजे गुलाल से, द्वेष मिटे मन- पाप।।
हृदय- हृदय झंकृत करे, नूतन उठे उमंग।
होली उत्सव रंग में, प्रीत- मीत मन जाप।।

होली के रंग और मिठास से, गिले- शिकवे मिट जाते है।
अपनों को अपनों के, और करीब लेकर आते है।
रंग दो स्नेह के रंग से, भरो पिचकारी प्यार के रंग से।
यही है असली रंग जिंदगी के, रंग दो उसे खुशी से।

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25 MAR AT 17:23

आ गयी होली, लगेगा रंग होली में।
झूमते आयेंगे लोग, मचेगी धूम होली में।

होली के रंग में रंग जाओ सब यार,
गुलाल में रहेंगे सब मस्त मस्ती में।

कोई डूबेगा भांग में, मद मस्त होगा,
रहेंगे मद मस्त, हम- जोली टोली में।

गुलाबी गाल नीले हो गए है यार,
जी भरकर किया है प्यार होली में।

गले मिलकर भुला दो सारे गिले शिकवे,
मिलो सब प्यार से, बांटो प्यार होली में।

"उषा" खेलो मुहब्बत से सरे बाजार,
रंग की होने दो तुम बौछार होली में।




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25 MAR AT 16:40

होती खुशियाँ रंग में, खेले सभी गुलाल से।
मधुरिम प्रेम- मिलाप, तन मन सजे गुलाल से।

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25 MAR AT 16:19

|| राधा संग श्याम रंग ||

गागर छलकाती पनघट पर राधिका जब जब आती।
मोहन करता अठखेलियाँ, प्रेम की लीला राधा को खूब भाती।

हुआ है लाल गोकुल और ब्रज पर चढ़ी लाली,
मचा है आज हुड़दंग, श्याम रस बरसा रही होली।

धरती अंबर लाल हुए हैं, मस्ती सब पर छाई,
प्रीत की चुनरिया ओढ़, राधा प्रीत रंग में नहायी।

छुप छुप देखे राधा रानी रंग भरा है हाथ में,
आगे आगे राधा दौड़े, पीछे पीछे कान्हा साथ में।

कान्हा संग होली खेले किशोरी ब्रज में,
कान्हा को रंग दिया प्रेम के रंग में।

श्याम रंग से राधा रंगी, राधा रंग में श्याम,
राधा जी का रंग चढ़ा, हो गए राधे श्याम।

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25 MAR AT 16:00

नशीली नज़र है या कटार है।
मुस्कान नहीं रस की धार है।
रंग डाले मन होली,
रंगो की छायी बहार है।

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24 MAR AT 16:06

|| ज़िन्दगी के रंग हज़ार ||

कभी खुशी देती है तो कभी ग़म में डूबो देती है।
कभी प्यार तो कभी फ़रेब बन कर दस्तक देती है।
ज़िन्दगी तो बस आगे बढ़ते जाती है,
चलो अगर प्रसन्न चित्त, होकर खुश हाथ मिलाती है।

कभी सावन, कभी पतझड़,तो कभी रिमझिम सी बौछार है।
कभी रेत सी फिसलती है, तो कभी आस्था में पलती है।
क्या पता ज़िन्दगी कब कौन सी राह ले जाएगी।
पर उदास न हो, उदास रात के बाद सुबह भी आएगी।

ज़िन्दगी के रंग हज़ार पल- पल बदल रहा है।
बदल रही परिभाषाएं, समाज भी बदल रहा है।
जैसी रंग बिरंगी होली हो, वैसा ही रंगो से भरा जीवन हो।
क्यूँ स्वार्थ में आकर इतना गुमान कर रहा है।

कभी बारिश तो कभी धूप दिखाती है,
कभी सर्द हवा तो कभी हरियाली निखर आती है।
किसीका आना तो किसीका जाना है,
न जाने ज़िन्दगी भी क्या- क्या रंग दिखाती है।
जीवन का सत्य भी यही है,
एक दिन सबको ढह जाना है।
ज़िन्दगी रंग बदलती है, ज़िन्दगी रंगबिरंगी है।


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