🌺 क्या करूँ 🌺
चीख़ पुकार सुनकर ,
क्या मैं बहरा हो जाऊँ?
या जो अन्याय कर रहा,
सीधे मैं टक्करा जाऊँ??
जो छुपें हैं घपला मारकर,
क्या उसे निकाल लाऊँ?
या जो जहाँ पापी मिलें,
नाश करते चला जाऊँ??
जो लिप्त हैं इधर उधार,
क्या उन्हें समझा आऊँ?
या जो फैला रहें आशांति,
उनको शांत करा आऊँ??
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