तुम्हें तो दिल में रहना था,तुम
अब क्यों मुश्किल में रहते हो।
हमें छोड़कर तन्हा रास्तों पर
तुम खुद मंज़िल में रहते हो।-
कवि अजय अनोखा चित्रकार
(कवि अजय अनोखा चित्रकार)
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Writer, Artist, Teacher
Joined 22 June 2018
21 AUG 2022 AT 12:02
26 JUL 2022 AT 21:25
हक़ीक़त वो नहीं है जो हर बार दिखाई जाती है
झूठ के घने अंधेरे से हक़ीक़त भी छिपाई जाती है।-
26 JUL 2022 AT 18:56
कुछ ऐसे ही हालात थे
तब तुम हमारे साथ थे,
तब हम तुम्हारे साथ थे।-