amreen khan   (Amreen ♥️♥️ (روحانی..))
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Joined 18 May 2020


Joined 18 May 2020
6 JAN AT 0:59

कुछ ख़्वाब बुने हैं ,मैंने तेरे लिये

मगर मयस्सर नही कि पूरे कर दूँ…….

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14 SEP 2023 AT 11:41

मुझे डर है कि ख्वाहिशें मेरी ,ख़त्म ना हो जाएँ

फ़क़त मैं ज़िंदा रहूँ ,पर ये मुझमें ही मर जाएँ…….

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14 SEP 2023 AT 11:32

मोहब्बत फ़र्ज़ है तुझ पर
तू अपना फ़र्ज़ अदा कर….

यक़ीनन ज़ाहिल है दुनिया ये
मगर तू तेरा इल्म तो ज़ाहिर कर…

मोहब्बत फ़र्ज है तुझ पर
तू तेरा फ़र्ज अदा कर…..

बड़ा बेबाक़ है ग़र तू
तो दुनिया से है क्या डरना
तू ख़ुद का ख़ुद ही मालिक है
तो फिर किस बात का मरना….

मोहब्बत फ़र्ज है तुझ पर
तू तेरा फ़र्ज अदा कर…..

तू कहता है तू पत्थर है
तो पत्थर बनके क्या मरना
अगर डरता नही ,तू इस दिल से
फिर एक बार मोहब्बत क्यों नही करता…

मोहब्बत फ़र्ज है तुझपर
तू तेरा फ़र्ज अदा कर….

तू कहता है गुनाह है ये
बड़ा मुश्किल जहां हैं ये
दर्द हर ओर होता है
हाँ मुकम्मल कौन होता है…

मगर एक बात बता अब तू
तुझे मंज़िल की परवाह है??
जरा दिल से तू देखा कर
यहाँ हर “राह” में मंज़िल है…
मोहब्बत की नही तूने
ये तेरी ही तो गलती है….

अभी कितना बचा है तू
तू ख़ुद को जी कर जाना फिर

मोहब्बत फ़र्ज है तुझ पर
तो इसको करके जाना फिर…

तू इसको जीकर जाना फिर….
तू इसको जीकर जाना फिर…..

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25 FEB 2023 AT 0:22

ये दुनिया दिखा करके

ख़ुद भी तेरा, “दुनिया-सा” बन जाना

कमबख़्त बहुत कमाल है…….

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24 FEB 2023 AT 23:21

रास्तों से कतराने लगे हैं हम

कि सफ़र अब बेरंग हो चला है….

ये जो तेरा मेरा “वहम” है,

अब हमारा “अहम” हो चला है….

कि रास्तों से कतराने लगे हैं हम

सफ़र अब बेरंग हो चला है…..

कि “सलीक़ा” बदला है तेरे संग का कुछ तो

पहले तड़पता था,,

अब तेरे संग में भी दिल तंहा हो चला है….

सच है सफ़र अब बेरंग हो चला है……

यूँ ख़ुद में भी झाँकने का मन है,

मगर ये दिल भी अब “तुझसा” ही बन चला है….

हाँ रास्तों से कतराने लगे हैं हम

कि सफ़र अब बेरंग हो चला है…..

सफ़र अब बेरंग हो चला है…..

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11 FEB 2023 AT 23:15

टूटना

बिखरना

संभलना

और संभलकर फिर टूटना

क़सम से बहुत तकलीफ़ देता है…….

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4 FEB 2023 AT 21:14

ख़ाली पन्ने सी है ज़िन्दगी अपनी

इसमें कुछ भी लिखने का दिल नही करता…..

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24 JAN 2023 AT 0:51

ख्वाहिश अगर चंद लम्हों की हो

तो लम्हों को गिना नही करते…..

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24 JAN 2023 AT 0:46

फ़र्क पड़ता है तेरे होने से

फ़र्क पड़ता है तेरे ना होने से…..

और यूँ भी नही है हमें ,मंज़िल की तलब

कि ये सफ़र “मुकम्मल” है बस तेरे संग होने से…..

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11 JAN 2023 AT 2:13

ये क़िस्से

ये कहानियाँ

ये शेरों-शायरियाँ

ये नज़्म

ये ग़ज़ल

इन सब से बहुत आगे निकल गये है हम….

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