✍️Mr Veteran 751   (✍️Deepak Bhargava7️⃣5️⃣1)
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I am a writer to arrange the spread word in pieces from abort wishes.
Joined 4 February 2019


I am a writer to arrange the spread word in pieces from abort wishes.
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31 OCT 2022 AT 16:26

इस गन्दी राजनीति और भ्रष्टाचार के बीच मेरे जैसे इस देश के युवा यूही पिसते चले जाते है,
Exam होता है result आता है फिर कोर्ट के भर्तियों पर stay लग जाते है,
"Joining हुई "medical हुआ" अब उम्र हो गयी न जाने कितने तानो के stamp से लग जाते है,
सोने की कोशिश सी होती रहती है अब
रात को भी ,नींद तो आती है पर कसम से अब सोने में भी कई attempt लग जाते है।

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4 OCT 2022 AT 9:23

'चले जाओ यहा से'गुजर गए उनसे पहले,

'आप' में लहज़ा बरतकर फिर दफन कर दिया।

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15 APR 2022 AT 22:26

मेरा पता पूछने के लिए हर बार नई सख्शियत निकलती है,
मालूम नही उन्हें की तेरा शहर अब यहा नही बसता।

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29 MAR 2022 AT 16:28

एक दूरी समेट ली मैंने

फिर क्यों वो यादे अब भी सफर कर रही है ।

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15 AUG 2021 AT 20:23

तेरा इश्क़ ही उसके लिए पाक निकला,
वरना इस माली की लगाई गई हर कली खिली है।

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9 JUN 2021 AT 20:31

वो यादे मानो उखड़ी हुई कील बन जाती है ।

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31 MAY 2021 AT 16:00

इश्क़ भी तो क्या इश्क़ किया उसने जो सूखा रह गया,
हम तो भीगे भी,जले भी फिर भी हम में कुछ उनका रह गया।

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31 MAR 2021 AT 9:30

एक खामोशी है जो सुनी नही जाती,
क्या मलाल गर सुनने के बाद "आप" निकल जाए।

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18 NOV 2020 AT 21:25

ने कितने दर्द को सेंका है कि फिर मुझे अब राहत कहा।

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18 NOV 2020 AT 21:19

आवारापन है इन रातो में ,

जो बिन पूछे कही और निकल जाती है

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