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इस गन्दी राजनीति और भ्रष्टाचार के बीच मेरे जैसे इस देश के युवा यूही पिसते चले जाते है,
Exam होता है result आता है फिर कोर्ट के भर्तियों पर stay लग जाते है,
"Joining हुई "medical हुआ" अब उम्र हो गयी न जाने कितने तानो के stamp से लग जाते है,
सोने की कोशिश सी होती रहती है अब
रात को भी ,नींद तो आती है पर कसम से अब सोने में भी कई attempt लग जाते है।
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'चले जाओ यहा से'गुजर गए उनसे पहले,
'आप' में लहज़ा बरतकर फिर दफन कर दिया।-
मेरा पता पूछने के लिए हर बार नई सख्शियत निकलती है,
मालूम नही उन्हें की तेरा शहर अब यहा नही बसता।-
एक दूरी समेट ली मैंने
फिर क्यों वो यादे अब भी सफर कर रही है ।
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सुलग रही आँच हु मैं,बस मुझे दोबारा बुझने के लिए मत कहना,
मैं फिर वापिस लौट कर आऊंगा तुम बस जलने के लिए तैयार रहना।-
तेरा इश्क़ ही उसके लिए पाक निकला,
वरना इस माली की लगाई गई हर कली खिली है।-
इश्क़ भी तो क्या इश्क़ किया उसने जो सूखा रह गया,
हम तो भीगे भी,जले भी फिर भी हम में कुछ उनका रह गया।-
एक खामोशी है जो सुनी नही जाती,
क्या मलाल गर सुनने के बाद "आप" निकल जाए।-