कभी सच को बयाँ करती है तो कभी झूठ को भी बयाँ कर देती है । कभी मौत का मंजर देख कर भी शांत रहती है तो कभी छोटी सी खुशी से भी आंसू छलका देती है कभी ये आंखे अपने टूटे हुए सपनो को बुनती है तो कभी उन्ही आंखों पर खुशी की चमक होती है कभी ज़िन्दगी की कशमकश में उलझा देती है तो कभी ये आँखे हर दर्द खुशी से सह जाती है। सच मे, ये आँखे बहुत कुछ झेलती है।