पल्लू के 6or में कुछ पैसे बांध कर रखती थी
एक छोटा सा ATM मेरी दादी मां भी रखती थी
I Miss u dadi 😰-
Don't bed comments ...
Radhe Radhe meri... read more
बचपन में लौटकर जाना चाहती हूं
मैं फिर से बेवजह, बेपरवाह मुस्कुराना चाहती हूं-
तुम मुझे ख़ाक भी समझो तो कोई बात नहीं
ये भी उड़ती है तो आंखों में समा जाती है-
तुमने मुझे संभाला एहसान मानती हूं
पर मै आज भी उसी अपने कान्हा पर जान वारती हूं-
मैं बद तमीज़ ही सही मुझे न सिखाएं वह अदब ओ आदाब जो मीठी छूरियों से लोगों के कलेजे काटते हैं
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हर बार मुझे "ज़ख्म ए जुदाई" न दिया कर
अगर तू मेरा नहीं तो मुझको दिखाई न दिया कर
सच झूठ तेरी आंख से हो जाता है ज़ाहिर
क़समे न उठा इतनी सफाई न दिया कर
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हृदय की पीड़ा को कब समझोगे
मुझे वृंदावन आना है मेरे कान्हा कब बुलाओगे 😭
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कान्हा जी की देन हूं और कान्हा जी की फैन हूं
लिखना मेरी आदत है लिखना ही मेरी पहचान है
कायस्थ कुल में जन्मी हूं कलम ही मेरा हथियार है
अल्फाजों को प्यारे शब्दों में पिरोकर लोगों के दिलों को जितना ही मेरा काम हैं-
ज़हर ही ज़हर भर गया है पूरे वजूद में
मीठे लहजों की सज़ा खूब मिली है मुझे-