चेहरे की हंसी दिखावट सी हो रही है,
असल ज़िन्दगी भी बनावट सी हो रही है।
अनबन बढ़ती जा रही रिश्तों में भी,
अब अपनों से भी बगावत सी हो रही है।
पहले ऐसी थी नहीं जैसी हूँ आजकल,
मेरी कहानी कोई कहावत सी हो रही है।
दूरी बढ़ती जा रही मंजिल से मेरी,
चलते चलते भी थकावट सी हो रही है।
शब्द कम पड़ रहे मेरी बातों में भी,
खामोशी की जैसे मिलावट सी हो रही है।
और मशवरे की आदत न रही लोगों को,
अब गुज़ारिश भी शिकायत सी हो रही है।
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जो तुमने यूं ठुकरा दिया।
इतनी मुहब्बत करते थे
इसीलिए तुमने ये शिला दिया।-
सुनो.....
एक बात बताओगे क्या...?
परिवार का रूठा, प्यार के पास जाए।
प्यार का टूटा, यार के पास जाए।
पर यार का छुटा, किस के पास जाए....?
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कल को जो मैं चली जाऊंगी ये सच है की तुम्हें याद बहुत आऊंगी।
इस लम्हे में हूँ तुम्हारे साथ तो खुश हो,
कल को जब नहीं होगें तुम्हारे पास हम तो तुम आंसू बहाओगे।
वो किस्से हमारे रिश्ते के कितने हसीन है ना,
बिताया है जो वक़्त एक-दूसरे के साथ यादें वो क्या बेहतरीन है ना।
कल को जो हम ना रहे तो कहीं भूल तो ना जाओगे,
कल को जो मैं चली जाऊंगी ये सच है की तुम्हें याद बहुत आऊंगी।
यूं तो कई लोग है मेरे पास पर तुम्हारी जगह कुछ खास है।
बाते करें ना करें कोई मुझसे फ़र्क नहीं पड़ता,
पर तुम्हारी हर बातें हमारे दिल के बहुत पास है।
कल को जो मिलेंगे कुछ नये लोग तो कहीं उनके बीच खो तो ना जाओगे,
कल को जो मैं चली जाऊंगी ये सच है की तुम्हें याद बहुत आऊंगी।
चाहते तो नहीं पर अब दूर होना पड़ेगा,
ये दस्तूर है ऐसा की तुम्हें आंखे भिगोना पड़ेगा।
पर तुम उदास ना होना रखेंगे अपना रिश्ता संभाल कर ऐसे की दिल का हर कोना कम पड़ेगा।
कल को जो होगी तुम्हारी नयी दुनियां तो कहीं उसमें बहल तो ना जोओगे,
कल को जो मैं चली जाऊंगी ये सच है की तुम्हें याद बहुत आऊंगी।
तुम्हें याद बहुत आऊंगी...........
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उसके लिए बस ये एक रिश्ता है पर मेरे लिए वो शायद मेरा सब कुछ है।
ये बात न जाने क्यूँ वो शख्स समझता ही नहीं है।
समझ नहीं आता की उसके हालात उसके साथ नहीं है या वह जान बुझ कर नहीं समझना चाहता है।
पर जो भी हो दिल में बहुत दर्द होता है।
ये देखकर भी की वह सब कुछ जानकर भी अनजान बनता है।
ये पता होने के बावजूद भी की मेरे दिल में जो दोस्ती है वह सच्ची है।
फिर भी वह शख़्स न जाने क्यूँ समझता ही नहीं मुझे।
कभी-कभी मेरा भी दिल करता है की कोई मुझे समझे, Emotional Support करें, मेरी बात को सुनने वाला एक शख़्स हो।
पर न जाने क्यूँ दोस्ती के बदले दोस्ती क्यूँ नहीं मिलती मुझे।
खैर जो भी है उसे ये रिश्ता ऐसे ही पसंद है तो यही सही।
मेरे लिए उससे बात ही कर लेना ही मेरा दिन बना देता है।
उसने मुझसे रिश्ता मांगा अगर मैं ये भी न दे सकूं तो ये दोस्ती कैसी।-
जिस भरी महफिल में तुमने अनदेखा कर दिया मुझको,
उस भरी महफिल की हम दोनों कभी शान हुआ करते थे।-
मुझे नहीं पता था मुझसे दूर जाने के बाद,
तुम मेरे किसी अपने के इतने करीब आ जाओगे।-
तेरा बदला मैं अब दूसरों से लेती हूँ,
जो मुझे चाहता है मैं उसे छोड़ देती हूँ।-
फिर किसी के साथ नहीं जुड़ पाते हैं वे लोग,
जो अंदर से एकदम टूट जाया करते हैं।
😢😢-
लोग हमारा विश्वास उस वक़्त तोड़ते हैं,
जब हम उसकी वफादारी की मिसाल दुनिया को दे रहे होते हैं।-