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जब एक घर जलता है ना "अभि" तो उस घर के
"सरग़ना" को सबसे पहले ही पता चल जाता हैं।
घर की ज्वालग्नि से नहीं, बल्कि अपने हमदम के
दिल की जलन से और उसकी रूह की तड़पन से।-
देश की एकता का रक्षक वो जो चौकीदार था
लौहपुरूष की उपमा का इकलौता हकदार था
काश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ को एक किया
इस काम को करने वाला गुजराती सरदार था।-
ओफ्फो..
सरदार दिखा नहीं कि लगे...पंजाबी झाड़ने.
अरे भाई !सरदार को हिंदी भी आती है
😂
Rजू-
फ़िक्र भी करते हैं
और दुआ भी
रब सदेय खुश रखे आपको
रहो जहां भी ओर जिसके साथ भी
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सर पे पगड़ी
चहेरे पे मुस्कान
हाथों में कड़ा
और तन पे देशी लिबास
बातों मे सादगी
काम में मेहनती
दिल से देशी
सरदार जी
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अब देखो अगर किसी गिरोह के मुखिया को सरदार कहा जाता है उस लिहाज से तो उस गिरोह के सदस्य बिना सर वाले हुए।
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221 1221 1221 122
कैसे यकीं ये होगा वो सच बोल रहा है
झूठों का जो सरदार यहाँ सबसे बड़ा है।1
किरदार कहानी में नए आए अभी थे
क्यों किस्सा अधूरा तू यहाँ छोड़ रहा है।2
उसके ही ख़यालों में रहे खोए हुए हम
जो कब से मेरे पास ही चुपचाप खड़ा है।3
बेदिल भला क्या दर्द समझ पाएगा मेरा
उसको नहीं कुछ भी मेरे इस दिल का पता है।4
नफ़रत को नहीं दिल में पनपने "रिया" देती
ग़ज़लों में मुहब्बत के सिवा कुछ न कहा है।5-
वाह सरदार ! तूने ही किया था वो 'कमाल'
देश की 'अनेकता' को 'एकता' में बदलकर...
आज हमने भी कर दिखाया ऐसा कमाल
गगनचुंबी 'स्टेच्यु फोर युनिटी' बनाकर...
तूम्हें शहर से अलग 'नर्म' दायी गोद में बिठाकर, हमने की
कद्र एक 'साईलन्ट' क्रांतिकारी की, देश की वफादारी की...
सभीने छोडा हो भले मानव धर्म ! हम क्यों छोडे मानवता.. सच्ची वीरता- मानवता दिखा : बन गये तूम *लोहपुरूष*
मानव गरिमा दिन पर आपको हो बधाई!!!!!
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एक अलग ही इबारत है उसके अल्फाज में
लिखे जो असद किर्तास पर बोल उठे ग़ज़ल
लडीयो से ज्यादा बहाव है उसके हरे एक लफ्ज़ पर
कोई कैसे बचा रहें उसके कलम की धार तक-