अच्छा हुआ जो इश्क़ मुकम्मल न हुआ
वरना बेवजह इश्क़ की कीमत समझता कौन
-©सचिन यादव-
जो ज़ख्म दे गए हो आप मुझे..
ना जाने क्यों वो ज़ख्म भरता नहीं..
चाहते तो हम भी हैं कि आपसे अब न मिलें..
मगर ये जो दिल 💔 है कमबख्त कुछ समझता ही नहीं..-
दिल समझता नहीं इसे समझाना पड़ता है
अब वो तेरा नहीं रहा हर बार दिल को बताना पड़ता है-
मैं सब समझता हूं...
अक्सर भीड़ में खुद को खुद से बातें करते देंखता हूं क्योंकि मैं सब समझता हूं...!!!!
अकेलापन मुझे भी रोज मुझे काटने को दौड़ता है पर फिर भी तुम्हें अकेला नहीं छोड़ा करता हूं क्योंकि मैं सब समझता हूं...!!
अक्सर रोता है एक शख्स मेरे आगे, रोज आईने से उसे देखा करता हूं, क्योंकि मैं सब समझता हूं...!!
देख ये तमाशा जबान मचलती है दिल तड़पता है पर क्या करूँ कुछ नहीं कर सकता हूं क्योंकि मैं सब समझता हूँ..!!!
छोड़ देते है लोग अक्सर जब मिल जाते है लोग कुछ बेहतर फिर जब जाता हूँ अपनी तन्हाइयों से मिलने, क्योंकि मैं सब समझता हूं...!!
तो मारती है वो भी ताना ये कहकर कि आ गए ना यही उनसे भी मिलकर, फिर मुस्कुराकर कर मेरा वही जवाब की कोई नहीं, थी उनकी भी मजबूरी मैं सब समझता हूं..!!!-
मैं चीख़ता हूँ चिलाता हूँ
सबको समझाता हूँ
मेरे जज्बात मेरी आवाज
सिर्फ मुझ तक रह जाती है
और इक माँ है
बिन कहे सब , समझ जाती है ।-
खामोशियाँ तू समझता रहे
लफ़्ज़ों अब क्या बयाँ करूँ
मेरे दिल में तू ही बसा रहे
मेरे रब से में ये दुआ करूँ-
मिलने की तेरी चाहत समझता हूँ
तेरे दिल की हर ख्वाहिश समझता हूँ ।
तेरे साथ ही है मेरी अब ये पूरी जिंदगी
तेरे दिल के सारे जज्बात समझता हूँ ।-
उम्र कम है उसकी लेकिन सब समझता बहुत है
अंदर इतना दर्द भर कर भी सुना है वो हंसता बहुत है
...Sk-