यूँ न कर वस्ल के लम्हों को हवस में सराबोर
तेरे आगोश में खो जाना बात अलग है-
थोड़ा-थोड़ा रोज मरती हूं तन्हा रातों में....
©Sav... read more
कबूल कर ले जो खुदा तो मैं फरियाद करूं
यूं तो हर पल हर लम्हा मैं तुम्हें याद करूं..
सुनो बस में नहीं अब मेरे कुछ भी सनम
कोई काम नहीं मुझको जो मैं तेरे बाद करूं..
हां आबाद हूं जिंदा हूं हंसती हूं मुस्कुराती हूं
कुछ भी तो नहीं पास मेरे जो मैं बर्बाद करूं..
सह जाऊं तेरा दिया हर गम उफ़ तक ना करूं
बन कर कठपुतली भी तेरी तुझे शाद करूं...
तुझे खोकर तुझे फिर से पाने की चाहत कर
तेरी हर खुशी की खुदा से मैं फरियाद करूं..
तुम गर मिल जाओ तो सो जाऊं आखरी नींद
सीने से लगकर तेरे बस इतनी सी मैं मुराद करूं..-
आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूं मैं
जैसे हर शय में किसी शय की कमी पाता हूं मैं
#जिगर मुरादाबादी-
ओ आसमानों में रहने वाले
पंछियों संग कुछ दुआएं भेजी है
कबूल करना और हो सके तो लौट आना-
ज़िन्दगी भर ना ही रहो याद तो अच्छा है
तुम मुझे कर ही दो अब बर्बाद तो अच्छा है
इक अधूरे से ख्वाब से तो बेहतर यही है
मैं रहूं नींद से सदा आज़ाद तो अच्छा है
क्यूं सुनाएं उन्हें नादान दिल की हसरतें
दफ़न रहे रूह की फरियाद तो अच्छा है
तुझसे पूछे गर मेरे बारे में कभी जो दुनिया
लगा देना सब तोहमतें मेरे बाद तो अच्छा है
रह गया एहसास किस्सा जो अधूरा अपना
तू कभी ना समझे वो जज़्बात तो अच्छा है
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मैं आख़िर तक भी लोगों से
कभी नफ़रत नहीं कर सकी
जिन्होंने मेरे जीवन को काँटों से भर दिया
दुःख का पहाड़ उतार दिया मेरे जीवन में
जिन्होंने मेरी आत्मा का आखिरी
वस्त्र भी नोचने की कोशिश की
उनसे भी कभी नफ़रत उपज नहीं सकी
मेरे कठोर मन में..-