सुनो!
आज वो रात फिर से लौट आई है,
जहा सिर्फ और सिर्फ तन्हाई है l
तेरी वो यादे बारिश सी बनकर
मेरी आँखों से बरस ही आई है l
रोकना तो चाहा बहुत खुदको...
पर कमबख्त वो रात फिर से आई है
जहां पहले तुम थे पर अब सिर्फ तन्हाई है l-
-Dear Life :)
खिडकियां खामोश है क्योंकि अब उनसे कोई झांकता ही नहीं,
मोबाइल से बाहर भी एक दुनिया है पर कोई मानता ही नहीं l
-Diary of a window©-
कि दिल्ली अब दिल्ली ना रही दुर्घटना हो गई है,
यहाँ मिर्च सिर्फ मसाला ना रही सुरक्षा हो गई है,
लगता है दिल्ली चलते-2 इन हाईवेजों पे ही कहीं खो गई है l
अबला नारी अब सबला बनके पगला रही है,
सब मर्दों को अब वो बस चोर बता रही है,
दिल्ली अब फेमिनिजम कि आग में जलती जा रही है l
दिल वालों कि दिल्ली अब डरपोक होती जा रही है,
सड़क पे गुंडागर्दी है पर आँखे मूँदे चली जा रही है,
दिल्ली अब बस किसी गेहूँ सी चक्की में पिसती जा रही है l
लोकतंत्र के ऊपर लोगों के षड्यंत्र भारी है,
जनता के पैसों से बस जेबे भरी जा रही है,
दिल्ली दिन-ब-दिन गरीब होती जा रही है l
इन्साफ का तो पता नहीं पर तुम्हारी कम्प्लेन लिखी जा रही है,
आज नहीं कल आना अभी हमारी जाँच-पड़ताल जारी है,
दिल्ली धीरे-2 बीता हुआ कल होती जा रही है l
खुली हवा में भी इसकी क्यों ये सांसें भारी है,
रहा भी ना जाए और छोड़ा भी ना जाये ये मसला जारी है
लगता है दिल्ली में ये भी कोई नई बीमारी है l
संभालो कोई इस दिल्ली को ये भटकती जा रही है,
जिस रास्ते पे चल रही उसी में गढ़ा खोदे जा रही है,
दिल्ली अब दिल्ली ना रही धीरे-2 दुर्घटना होती जा रही है l-
अकेले ही चलना पड़ता है जब तक सांसे है 'चिराग'
क्योंकि कंधा सिर्फ मरने वालों को नसीब होता है l-
आपसे इश्क़ का इल्ज़ाम लगा है मोहतरमा तो कुछ तो कीजिए..
जनाब यू कीजिए अब इल्ज़ाम लगा ही है
तो ये गुनाह भी कर ही लीजिए!!!
😉😉😉😉-
तुझमे घुलते ही,
मैं खुद को भूल जाता हूँ।
हाँ...!
तेरी नजरों के सामने,
मैं शुन्य हो जाता हूँ।-