खुशियों में जो लगते हैं मेले..... वो दुखों में कहॉ खो जाते है।। हर खुशी में साथ निभाने वाले.... अक्सर बुरे वक्त में हाथ छुड़ा जातें हैं।। कहने को तो लाखों साथ होते हैं.... जरूरत पड़ने पर सब कही गुम हो जाते हैं।।
सब त्योहार भी मनायेंगे खुशियों का संसार भी बनाएँगे हर रोज़ एक नई उम्मीद और सूरज की पहली किरण के संग नए दिन की शुरुआत भी करेंगे तुम से मेरी हर खुशी है तुम से मेरी ज़िंदगी है तुम हो तो सब है तुम नही तो कुछ भी नही
ए जिन्दगी तू इतना बता तेरी इबादत अब कैसे करू मैं अपनी वकालत शुरू करूं या तेरी बेरुखी हिसाब कर के थम जाऊ मैं...!! ________________________ सब पूछते है माही बदले बदले से क्यों हो अब इन्हें कोन बताए जिंदगी अब रुलाने लगी है