परिंदा लौटने से पहले शाख़ कट चुकी थी
मेरे हिस्से की निगाह मुझसे हट चुकी थी
मैं शहर से गाँव लौटा था कल अचानक
उसकी सगाई की मिठाई घर-घर बट चुकी थी-
कहीं मार ना डाले मुझे तेरी ये जुदाई
आजा जल्दी से कर लें हम सगाई।-
✍️✨कलम, मैं, गुस्ताखी एवं क्षमा✨✍️
इस कलम को तो देखो!
बदमाश बड़ी गुस्सैल है वो!
सगाई खुद की रचाकर न
बुलाया हमें, बिगड़ैल है वो!
साथ दिया मेरी सहायक बन
तो बड़ी इज्ज़त थी दिल में।
आज सगाई हुई तो मुझे भूल
गईं, न बुलाया उस महफिल में।
हाँ, इज्ज़त तो अब भी है वही
और रहेगी प्यास लिखने की
आप कलम जो ठहरीं, सदियों तक।
इजाज़त हो तो बख्श दीजिए कोई
गुस्ताखी और राह दिखाकर इस
प्यासे को जाने दें उन नदियों तक।
आपकी तरह हैं कुछ और कलम!
वहाँ पहुँच मुझे स्याही जो भरना है।
कल का दिन आपका था संग मेरे,
अब बाकी संग मंजिल तय करना है।
अपने सुखद जीवन की उमंगों में लिप्त
मेरा आगे भी लेखन में आप काम आना।
यदि फुरसत मिले ससुराल में तो हमें आप
बताना कि हम संग लिखें बड़ा अफसाना।-
हमारी किस्मत में जुदाई थी।
पता है क्यूं?
जिस दिन तेरी सगाई थी
उसी दिन इस दुनिया से मेरी विदाई थी।-
भूल कर भी भूल नहीं पाता
दिल से तेरी उस जुदाई को
आँखे आज भी मेरी रोती हैं
ख़ैर काफ़ी दिन हो गए तेरे सगाई को-
"सौ रोगों की एक दबाई...!
बालिग होने पर करें सगाई...!!"
अक्सर आपने देखें होगें सार्वजनिक स्थानों ,चौराहों, स्कूलों, अस्पतालों आदि के दीवारों पे लिखें हुए...🤗
बड़ा विचित्र लगता होगा आपको है ना🤔...!
विचित्र और दिल पे चोट लगे ताकि लोग
समयानुसार सही और ठोस कदम उठायें...!!
(देखने में है छोटी बातें पर अर्थ है इनके लाजबाब)-
122 122 122 122
तुम्हारे लबों पे नहीं खिलखिलाई
हँसी दौड़कर है मेरे पास आई।1
करेंगे हमेशा ही दिल का कहा हम
हमारी भले हो यहाँ जगहँसाई।2
हुआ नाम अपना बदलने लगे लोग
सभी ने मिटा ली जो दूरी बढ़ाई।3
'कफ़स में है घुटने लगा दम सभी का
यही चाहते सब मिले अब रिहाई।4
लगा था कि जैसे मुसीबत टली है
न जाने कहाँ से वबा लौट आई'5
'अकेला सा महसूस जब भी हुआ तो
कलम हाथ लेली लिखी है रुबाई।6
"रिया" साथ उसके सुकूँ से रही है
हुई जबसे उसकी ग़ज़ल से सगाई'7-
हम कौन होते हैं
नफ़रत करने वाले?
ऐ दोस्त, इस जहां में
नफ़रत ही तो नोच गई है
प्रेम की हर सगाई को।-
मेरी मोहहबत,
जिसमे शामिल है ईबादत।
मेरी आँखें,
जो अक्सर लाजवंती स्त्री के समक्ष झुक जाती है।
मेरे अलफ़ाज़,
जिसमे लिपटे है अहसास मेरे।
सुनो,
मुझे बस इतना कहना है कि तुम ये खुद देखो
तो बेहतर होगा,
सुना है,
ईश्क़ में सगाई करते है,
सफाई नही देते।-
सगाई के चक्कर में, समय की ना करो बर्बादी
ज्यादा ना सोचो, जल्दी से कर लो शादी
👀🤪😝😝💃💃-