हम तुम्हे संभाल लेंगे
तुम हमे संभाल लेना
तेरी आंखों में डूब गए तो
बस दिल में उतार लेना-
सफर लंबा सा लगता है,,
जब कोई अकेला चल रहा हो,,
गिर रहा हो राहों में फिर संभल रहा हो,,
फिर भी अगर कोई साथी हो ,,
तो मंजिल का मजा ही कुछ और हो,,
जो हमारा हाथ थामे साथ ही चल रहा हो,,-
कुछ लम्हें सपनों के लिए भी सहेज कर रखो,
जब कोई अपने नहीं होते, तब यहीं अपना होता हैं,-
सुबह सुबह सूर्य की रोशनी में,
समय बिताने वाले लोगों को,
स्ट्रेस और डिप्रेशन कम होता है-
हमने भी आज महबूब का क़माल देखा है
आँखों में उसकी 'मोहब्बत का' सवाल देखा है
जो हमसे कभी नज़रे भी ना मिलाता था
ज़ेहन में उसके 'अपने लिये' ख़्याल देखा है
तन्हाइयों में रोते-रुलाते कट रहे थे सारे दिन
आज हमने 'सारी रात' मोहब्बत का बवाल देखा है
अब तक थी ज़िन्दगी स्याह काली सी
आज हमने 'रंग-ए-मोहब्बत' लाल देखा है
हर कोई बिक रहा है मोहब्बत के बज़ार में
हमने भी 'बज़ार' में यह दिल उछाल देखा है
सुना है मोहब्बत में बहक जाते हैं ख़्वाब सारे
हमने 'एक ख़्वाब' कईं ख़्वाबों को संभाल देखा है
मोहब्बत में हो जाती है जिस्म-ओ-रूह यार की 'सागा'
हमने भी इस बार 'ख़ुद में से' ख़ुद को निकाल देखा है
- साकेत गर्ग 'सागा'-
बुजुर्गों से मिली विरासत को संभाल रखा हूं
खुद अपनी जान को मुश्किल में डाल रखा हूं
पता है की बना लेंगे मुझे भी निशाना किसी दिन
फिर भी कुछ सांपों को आस्तीन में पाल रखा हूं-
वक़्त को मैंने कुछ इस तरह से संभाल रखा है,
घड़ी में सुईयाँ तो है, पर बैटरी को निकाल रखा है!
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