पँच तत्वों से मिलकर बने हैं
इन सब का दिल से आभार जताना है
कैसा ये पागलपन करता काहे घमण्ड रे मानव
एक दिन सबको इसी में विलीन हो जाना है
शिवशक्ति दोनों एक समान "अर्धनारीश्वर" स्वरूप हैं
फिर सच जान काहे आखिर स्त्री पुरुष में भेद है
मैं त्याग दे और अपना आँख खोल रे मानव
नारी सिर्फ़ खुद का नहीं वो हर पुरुष का भी सम्मान है
जिसमें "मैं" नहीं उसी में बसते "महादेव" हैं
विश्वास कर शिव प्रसन्न तो शक्ति हर वक़्त तेरे साथ है
अन्तर्मन की सुन और ख़ुद के भीतर झाँक रे मानव
समझ जाओगे शक्ति के बगैर पुरूष का नही कोई पहचान है-
नमो नमो हे शिवशंकराय्
भोले भण्डारी नमो नमः।
नमो नमो हे जटाधाराय्
त्रिशूलपाणि नमो नमः।।
(पूर्ण रचना शीर्षक में पढ़ें)
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प्रेम तो है अद्भुत रवानी
तुम ना शिव बनो ना सती
तुम खुद बनो अद्वितीय कहानी-
महाकाल! सर्व व्यापक हो तुम
महाकाल! जगस्थापक हो तुम
महाकाल! आदि अनंत हो तुम
महाकाल! भोले महंत हो तुम
महाकाल! कण में रुके हो तुम
महाकाल! मन में बसे हो तुम
महाकाल! सर्व - ज्ञाता हो तुम
महाकाल! मेरे विधाता हो तुम
महाकाल! सबसे मूल्य हो तुम
महाकाल!मूर्ति अतुल्य हो तुम
महाकाल! जन्म शुरू हो तुम
महाकाल! हमारे गुरु हो तुम
ॐ नमः शिवाय 🙏
Ayushi Shukla 🥀-
गुजरती रात के साथ ये अंधेरा भी गुजर जाएगा
वो शिव है जो शक्ति के साथ सदैव नजर आएगा....!
हर हर महादेव 🙏-
मैंने सारे रंग लगा कर देखे
कुछ पल तो चढा़ फिर....
सब निकले कच्चे और झूठे
इक रंग रह गया "शिव"
नाम का कितना भी धो लूं
इसे, ये फिर कभी ना छुटे 🔱🕉️-
एक "शिव" हैं कहीं मेरे आस-पास,
जो कर रहे हैं तांडव सती वियोग में।
जिनके नेत्रों से गिरता एक-एक अश्रु,
उत्पन्न कर रहा है भयंकर ज्वाला को।
जो कर चुके हैं नष्ट आसपास की धरा को,
फूलों को, पत्तों को और समस्त जीवों को।
पृथ्वी का ऐसा नाश और संहार देखकर,
प्रेम के लिए शिव का ऐसा रूप देखकर,
हो चुकी हूँ वियोग मग्न मैं (सती) भी,
जो बिछड़ चुकी है अब अपने "शिव" से।-
द़ाग बहुत हैं मेरे किरद़ार में...
आ पड़ा हूं भोले बाबा तेरे द्वार में...
🌺शिवोहम् 🙏-