Ayushi Shukla   (©आयुषी शुक्ला 'मध्यस्‍थ')
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Joined 25 May 2020


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29 JUL 2023 AT 12:33

किस किस का birthday आ रहा है जल्दी से बताओ कमेंट में

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8 FEB 2023 AT 9:14

will u stay with Me🤗
will u live long with me🤗

will u keep me in ur heart ❤️
Will u love me a lot ❤️

will u kiss me 😘
will u hug me🤗

Will u care me ☺️
Will u fare me 🙈

Will u show me ur emotion😇
Will u touch me like ur lotion 🤭

Will u slept me on my fault😔
Can u safe me from every assault🥰

Will u marry me in this session 💍
Will u carry me on every situation 👩‍❤️‍💋‍👩

Will u make me ur wife👩‍❤️‍💋‍👨
Will u made me ur life 😘

Can I, becomes the girl, ur type👩🏻
I feel very happy with ur vibe 🤝

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8 DEC 2022 AT 7:54

// A NOTE FOR MYSELF ON MY BIRTHDAY \\

Today is the day
which gave me life,
sheltered my breath in this world,
gave happiness to some
and reason to live to some.

ये जो बर्थडे होता है न
वो किसको ख़ुशी दे या न दे
पर खुद को उस दिन
हर बार नया फील करवाता है

See, happiness
does not come by inviting,
just like this it hides secretly
in some moments of life.
The one who finds it, feels it.

ये ख़ुशी हर गम, मुश्किले, क़ामयाबी
सब ख़ुद के बनाने से बनती है
लकीरों को मानना पड़ता है मगर
लकीरें भी तुम्हे देख के बनती है।

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31 OCT 2022 AT 18:26

जिन्हें रहना था साथ फलक तक वो मेहमान हो गए
वो चहल पहल वाले रास्ते अब सूनसान हो गए

जी हम ज़िक्र नहीं करते है वापस जाने वालों का
पर अब वो फ़क़त दिल के एक अरमान हो गए

जो गुज़ारे थे कभी सरगम से ख़ुशामदी पल मैंने
हां वो लम्हे मेरी ज़िन्दगी से अब वीरान हो गए

जो सिमट के बस एक दिल में मेरे रहते थे कभी
आज वो काले खुले चमचमाते आसमान हो गए

जिन्हें मेरे नाम से दुनिया को जताना था कुछ कुछ
आज वो बिना शीर्षक के मशहूर पहचान हो गए

'आयु' दहशतंगेज़ी जताते जो कभी तेज हवाओं से
हाँ आज खुद बा खुद ख़ौफ़नाक सा तूफ़ान हो गए

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15 AUG 2022 AT 16:04

लाखो लोगो खुशियां देख
आबादी तब मिलती है
जो सब त्याग,
देशप्रेम मैं लगता है
फ़क्र की आज़ादी तब मिलती है

तिरंगा जब खूब
जोर जोर लहराता है
हर दिल तब देशभक्ति के
गीत गुनगुनाता है
मान ही तो है ये तिरंगे का
जिसके आगे सबका
सिर झुक जाता है

ये भारत भूमि का कर्म बढ़ा
जो तिरंगे ने अपना नाम दिया
उसकी क़िस्मत में बंदिशें नहीं
जिसने इस मिट्टी मे जन्म लिया
HAPPY INDEPENDENCE DAY
🧡🌼💚

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7 AUG 2022 AT 12:00

किसी की याद अब भी हमको सताये जा रही है
महज़ उन्ही बातों ही बातों में बताये जा रही है

महफ़िलें फिर से सजेंगी, फिर मिल जाएंगे दिल
ये ख्वाबों के पुलिंदे मुझे फिर दिखाये जा रही है

रहम करन इस दफ़ा कही दिल तोड़ न देना फिर
जो तू इतने आशियाने हवा में बनाये जा रही है

नाकाम कोशिश करना पहले सब जीत लेने की
बेवज़ह तवक़्क़ो की चादर जो बिछाये जा रही है

कभी तो तेरे लिए लिखी उन ग़ज़लों को पढ़ लेना
जो इतने मेहनत से मुझसे तू लिखवाये जा रही है

आखिर अब एतबार किसी का क़याम रख लेना
जो इतने दिन से मेरा एतबार तू उठाये जा रही है

'आयु'ये बातें अब किसी कोई सुनना नही चाहता
क्यों तू अपनी ख्वाहिशें सबको बताये जा रही है

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24 JUL 2022 AT 15:37

// वो अक़्सर मुझे मेरी आँखों मे दिखता है //

न जाने क्यों वो मुझमें मेरी तरह रहता है
तुम बहुत प्यारी हो हरबार यही कहता है
वैसे तो सजना बिल्कुल नही पसंद मुझे
पर वो हर मर्तबा मेरी सांसो मैं सजता है
वो अक़्सर मुझे मेरी आँखों मे दिखता है

गर वो अक्षर है तो मैं अंतरा बन जाऊँगी
वो कहे तो मैं ज़िन्दगी भर साथ निभाऊँगी
जानती हूं चाहता है पर कुछ बोलेगा नही
उसका यही दीदार मुझे कसक में भिगोता है
हां वो अक़्सर मुझे मेरी आँखों मे दिखता है

सुनो मेरी सादगी मे छिपा मेरा श्रृंगार तुम हो
हाँ मेरे एवर एंड फॉरएवर वाला प्यार तुम हो
बेशक़ महफूज़ होगे तुम सबकी जिस्मों जान में
तेरी पाकीज़गी मुझमे दर दर गुलबार संजोता है
और वो अक़्सर मुझे मेरी आँखों मे दिखता है

वो जनता है उसके आगे हम शिकस्त-याब है
उसकी साँसों से,उसकी धड़कन से हम बेताब है
कोशिश करती दूर जाने की पर कम्बख्त इज़्तिराब
रफ़्ता - रफ़्ता जेहन में उसका बुख़ार घोलता है
और वो अक़्सर मुझे मेरी आँखों मे दिखता है

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8 JUL 2022 AT 11:44

कुछ लोग
जिन्दगी में यूँ ही मिल जाते है
जिन अनजान
लोगो से हम अनजान रहते है
बस थोड़ा
सा हाथ बढ़ाने पर
जो हाथ मिला लेते है
उन्हीं को मित्र कहते है
..
आप उनमे से एक हो अली
जिनमे मित्रता की
अपार शक्ति है
जिनमे देखी मैंने
दोस्तो के प्रति
प्रीति है ।
Belated happy
Birthday dear dost

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2 JUL 2022 AT 12:54

तुम होकर भी पूर्णतयः नही।

जब बेसब्री फिक्र
और एकाएक जिक्र
बढ़ जाता है।
तभी किसी की थोड़ी सी
लापरवाही से खुशबू-ए-इत्र
उतर जाता है
मैं सोचती हूं कि तुम्हारे बिन
जीवन ये कैसा होगा
अगर तुम पूर्णतयः साथ हो
तो ये विचार मन में
क्यों आता है ।
कितनी विचित्र मुद्रा है ना
तुम हो फिर भी मन अकेले है ना
क्यों विचार आता है मुझे
की कोई प्रिय दूर है
पहर हल्का असमंजस सा
और हल्का अलबेला है ना।

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27 JUN 2022 AT 18:50

आज बारिश मेरे बिना फर्जी लगी तुम्हें ?
बस छींक ही आयी है या सर्दी लगी तुम्हें ?

कुछ हवाओं ने सताया तो होगा न तुमको
क्या इस बार दूरियों की बेदर्दी लगी तुम्हें ?

चलो छोड़ो अच्छा कुछ मत बताओ मुझे
बोलो मेरे बिना भीगते सरदर्दी लगी तुम्हें ?

कुछ -कुछ सहम गया होगा दिल तुम्हारा
आज तन्हा घूमना आवारागर्दी लगी तुम्हे?

'आयु' बूंदों ने क्या अहसास कराया तुझे
क्या यादो में याद कर दिलदर्दी लगी तुम्हें?

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