भगवान जी से मेरी विनती है,
कि मेरी आज़ की खुशी
उन लोगों के नाम कर दे...
जिनके पास खुशियां कम हैं...!
🙏🙏🙏
जय श्री राधे~कृष्ण
🌄🌻☕शुभ प्रभात☕🌻🌄
सभी को मेरा प्यार भरा प्रणाम है!-
दर्द रूह में हो तो दवा काम नहीं आती 😔
कुछ तकलीफों का इलाज सिर्फ विनती है 🙏
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नहीं बाँधो परों को इन, अभी उड़ान बाकी है
विचरती हूँ जहां में मैं अभी आसमान बाकी है ।।
खुले पर से ही उड़कर के, पता मुझको ये करना है
फ़लक जाती कहाँ तक है, अभी निशान बाकी है ।।
भरोसे अब न रहना है, मिलेगा मान क्या मुझको
कर्म से छीन कर लेना जो, अभी सम्मान बाकी है ।।
भले ही राह दुर्गम है, गिरूँगी फिर उठूंगी मैं
मुझे मालूम है इतना, अभी इम्तिहान बाकी है ।।
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🚩ज़िन्दगी भले ही छोटी देना माता रानी,
मगर ऐसी देना कि लोगों के दिलों में जिंदा रहूं,
और सदैव अच्छे कर्म करूं,
जय मां शारदे,🙏🙏🙏🚩
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विनती -:
ओ प्रभु” पालनहारे, इस जग के कष्ट मिटा रे।
दुख के भँवर में डूब रहा जग, तेरे सिवा अब कोई नहीं रब”
जो हमको पार उतारे.... ...ओ प्रभु” पालनहारे।
हे जीवनधन ये बतलादो, क्यूँ हो ख़फ़ा हमको समझादो
करें क्या जतन मेरे प्यारे.... ओ प्रभु” पालनहारे।
दीन- हीन तेरे दर पे खड़े हैं, तेरी शरण में आन पड़े हैं
अब रस्ता तुही दिखा रे.... ओ प्रभु” पालनहारे।
दीनदयाला हे नंदलाला, अर्ज़ करे तुमसे सत्यबाला
अब तो ये ग्रहण हटा रे.... ओ प्रभु” पालनहारे।
राधे कृष्णा🙏🌹-
१२२ १२२ १२२ १२२
उड़ाकर चलें हम मिला जब ठिठुरता ,
वो अनमोल जानें मैं वो जान देखूं ।
तभी मानना हमको इंसान खुद को ,
किसी को कभी ना परेशान देखूं ।
शुकू भी है मिलता मदद करके उनकी ,
जो आती है चहरे पे मुस्कान देखूं ।
मिलो जब कभी भूलते वो नहीं हैं ,
मिला दिल से जो है वो सम्मान देखूं ।
भरे पेट सबका करो ऐसा भगवन ,
खिला दूं उन्हें फिर मैं जलपान देखूं ।
करूं मैं तरक्की रहूं फिर भी ऐसा ,
करूं मैं मदद लाभ ना हानि देखूं ।
करूं मैं ये विनती सुनो मेरे भगवन ,
करूं ना में ऐसा तो शमशान देखूं ।
-मृदुल जोशी
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इससे पहले की सृष्टि का विनाश हो जाए प्रभु
आप विषधारी इस सृष्टि का कल्याण करो!!
🙏😰😦🙏-
करो स्वीकार मनमोहन दुआ कोई न खाली हो
न रोये जीव अब कोई न तेरे दर सवाली हो /१/
वबा के रूप में सबको सताता कौन है देखो
मिले मुक्ति वबा से और शब कोई न काली हो /२/
हुई है आँख नम मेरी पुकारे आर्द्र मन कान्हा
खिले संसार वन-उपवन खिलाने को भी माली हो /३/
जरूरत है अभी तेरी कि ले अवतार आओ अब
बरस जाए नवल आभा गूँजे जैसे कव्वाली हो /४/
सभी बालक तुम्हारे हैं संभालो आन अब केशव
सजे मुस्कान आनन पर लबों पर सबकी लाली हो /५/
_Anu Raj ( ११-०५-२०२१ )
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तूफानी बयार चली
भंवर नईया फंसी
उफान मारती नदी
तारण श्री राम है...
सहन नही हो रही
विपदा विकट पड़ी
रोम रोम पुकारती
आओं घनश्याम है...
बदली बरस रही
करणें न दिखे कहीं
उम्मीदें बिखर रही
आशा खाटूश्याम है...
निष्ठुर नयति छली
जीवात्मा कंपित भयी
ग्रहस्थी बिगड़ रही
सभांलिए श्याम है...
प्रचंड पावक दही
अखंड ज्योतिका जली
कर जोड़ सुमिरती
आराध्य का नाम है...-
कान्हा मेरी विनती तुमसे, सुन लेना अरदास मेरे
इस जग में दूजा न कोई, सिवा तुम्हारे पास मेरे...
🙏🙏-