आइए, आज पढ़ते हैं वनगमन के समय का प्रसंग
वाल्मिकी रामायण में लक्ष्मण ने राम को दशरथ वध पर विचार करने के लिए कहा था किंतु राम ने उस समय जिस आदर्श को प्रस्तुत किया उसी से राम का चरित्र अवतारवाद की ओर अग्रसर होता है।-
देश के विकास से तात्पर्य
आरक्षणाधारित कुछ जातियों
अथवा धर्मों का विकास नहीं है
बल्कि....
वाल्मीकि से लेकर ब्राह्मण तक का विकास है-
मेरा क़त्ल करते करते ..
वो वाल्मीकि हो गए ..
जंगल में शोर किया चाँद ने ..
और चाँदनी पे हज़ारों पहरे हो गए ..
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चोर- लूटेरे का नाम रत्नाकर था भाई
कर प्रयाश्चित ज्ञान को पाया,
जब जागो तभी सवेरा ।ये बताया।
सहज नही हुए इनके सपने साकार,
यही रत्नाकर है रामायण के रचनाकार।
महर्षि वाल्मीकि...रामायण ग्रंथकार।
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ऋषि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण एक ऐसा महाकाव्य है जो हमें प्रभु श्रीराम के जीवन काल का परिचय करवाता है। जो उनके सत्यनिष्ठ, पिता प्रेम और उनका कर्तव्य पालन और अपने माता तथा भाई-बंधुओं के प्रतिप्रेम-वात्सल्य से रूबरू करवा कर सत्य और न्याय धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इसके अलावा भी वाल्मीकि के विचार युगों-युगों के लिए अनुकरणीय हैं। इसलिए भगवान वाल्मीकि को महर्षि का दर्जा प्राप्त है। महर्षि वाल्मीकि का जन्मदिवस आश्विन मास की शरद पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। ऐसे महान संत और आदिकवि का जन्म देशभर में वाल्मीकि जयंती के रूप में मनाया जाता है।
वाल्मीकि जयंती पर आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं😍❤️❤️❤️-