बंदिशों में भी जिंदा हूँ मैं,
बिना किसी बात के शर्मिंदा हूँ मैं,
जो बस नाम का पंख लगाए खड़ा है,
वो परिंदा हूँ मैं।
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Happy Teacher's Day...to all my wonderful teachers. Thank you for being in my life .💐💐🙏🙏🙏
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आजादी का अमृत महोत्सव, आत्मनिर्भरता का आगाज है ।
इतिहास के पन्नों में समेटे हजारों राज़ है।
अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने वीर सपूतों पर हमें नाज़ है।
चलो उनसे भी मिलते हैं, जो गुमनाम रहकर भी बहुत खास है I
गुमनामी के अंधेरे में रहकर भी देश को आजादी दिलाई,
उन वीरों का भी अलग अंदाज है।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं💐सोनी✍️🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪-
जिसके सामने आपकी सारी परेशानियां शून्य हो जाती है,
जो हरपल आपको और ज्यादा मज़बूत बनाता है,
हिम्मत और हौसले से जीना सिखाता है।
कभी हंसाता तो कभी रुलाता है,
जिसके मुँह से कभी आपके लिए "ना" शब्द नहीं निकले,
जो घोर विप्पति में भी आपके साथ खड़ा होता है,
जब आप गलती करें तो प्यार से समझाता है, और फ़िर भी न समझे तो मार के समझाता है।
सच पूछिए तो सच्चा दोस्त वही कहलाता है,
जो आंखों में आँसू के साथ भी
चेहरे पर मुस्कुराहट लाता है।
Happy friendship day my dear friend
👩❤️💋👩👩❤️💋👩👭👭👭💐😘
✍️✍️ सोनी-
चलो फ़िर कुछ नया करते हैं
सूखी धरा में कुछ रंग नया भरते हैं।
कुछ अपनों के नाम, कुछ सपनों के नाम
धरा की गोद में वृक्ष नया गढ़ते है।
जैसी ये धरा थी पहले,वापस से उसको वैसा करते हैं।
उड़ने देते है तितलियों को आज़ाद,
पक्षियों को नया बसेरा देते है
चलो कर दे उनको सदाबहार फिर से,
जो हमें नया सवेरा देते है।
फलने-फूलने देते हैं हरी वादियों व असँख्य जीवो को,
करने देते है प्रकृति को अपनी मनमानी,
ऐसा कुछ नया अंदाज़ करते है।
जैसी थी ये धरा पहले,वापस से उसको वैसा करते हैं।
सूखी धरा में कुछ रंग नया भरते है।
चलो फ़िर कुछ नया करते है।
✍️✍️सोनी🌿🍀☘️🌱🌲🌲🌲
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आप जब स्वयं को जान जाते हैं
तब आप बुद्ध हो जाते हैं,
आप शुद्ध हो जाते हैं।-
लोग पूछते है सुकून क्या है?
ज़वाब में उन्हें एक कप चाय पिला देती हूँ।-
तेरे आने से घर में एक नई बहार आई।
तुम मुस्कुराते हुए हमारे जीवन में
बनकर उपहार आई।
सदियों के इंतज़ार के बाद ,
नन्हे कदमों से तू बनकर हमारा संसार आयी
HAPPY BIRTHDAY RISHIKA.. LOTS OF LOVE🎂🎂🎂🎂😘😘😘😘✍️✍🏻 सोनी-
विचारधराओं का समावेश पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही प्रथाओं को बिना उचित कारण जाने,उसे दिन -प्रतिदिन और शक्तिशाली तरीके से चलाए जाने के कारण हो रही है। जो विभिन्न मान्यताओं और रूढ़ियों के बढ़ने का कारण है।
किसी भी विषय मे गहराई से जानकर तथा उसपर चिंतन कर एक नए स्वरूप की स्थापना कर उसे स्वीकारा जाना चाहिए।-
तिनका -तिनका जोड़ता हूँ
आशियाना सज़ाने को,
आशियाना सजाता हूँ
फिर सदा उड़ जाने को।
छोड़ जाता हूँ निशां क़दमों के,
कुछ और कहाँ ले जाता हूँ।
बस तिनके के सहारे आया था,
और तिनके के सहारे चला जाता हूँ।
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