अच्छा हुआ जो इश्क़ मुकम्मल न हुआ
वरना बेवजह इश्क़ की कीमत समझता कौन
-©सचिन यादव-
खींच लेती है मुझे
उसकी मोहब्बत
वरना मैं बहुत बार मिला हु
आखरी बार उससे-
आप पढ़ते हो इसलिए लिख देता हूँ,
वरना मैं तो महसूस कर के भी जी लेता हूँ!
-अज्ञात-
ख़ास हैं रिश्ता आज भी उनकें और मेरे दरमियाँ,
फ़र्क इतना सा हैं सिर्फ की......
बातचीत का सिलसिला अब नही है!!-
रिश्ते ऐसे बनाओ की आसानी से टूट जाये
प्यार ऐसे करो की आसानी से छूट जाये..
वरना किस्मत दुबारा मौका नहीं देती बंधू
कही ऐसा न हो आप अन्दर से बिल्कुल ही टूट जाए!-
हम अपनी अच्छाई से मारे जाते है,
वरना हमें तो हमारी बुराई ही थीं ।-
कोई तो कमी रही होगी मेरी फ़रियाद में,
वरना मेरा ख़ुदा तुझे यूँ जाने ना देता!!-
"औरत"
मोम... सिर्फ अपने मनपसंद
इंसान के लिये... हो सकती हैं
वरना ...उस जैसा पत्थर कोई नहीं..!!
- शशांक भारद्वाज...-
मैं और तुम कब हम होंगे?
फ़ासले कैसे कम होंगे?
एक साथ हम संगम हैं,
वरना बस शबनम होंगे..!
सिद्धार्थ मिश्र
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