अच्छा हुआ जो इश्क़ मुकम्मल न हुआ
वरना बेवजह इश्क़ की कीमत समझता कौन
-©सचिन यादव-
2 FEB 2019 AT 11:34
4 APR 2020 AT 23:21
खींच लेती है मुझे
उसकी मोहब्बत
वरना मैं बहुत बार मिला हु
आखरी बार उससे-
6 APR 2020 AT 9:54
आप पढ़ते हो इसलिए लिख देता हूँ,
वरना मैं तो महसूस कर के भी जी लेता हूँ!
-अज्ञात-
6 MAY 2019 AT 12:23
ख़ास हैं रिश्ता आज भी उनकें और मेरे दरमियाँ,
फ़र्क इतना सा हैं सिर्फ की......
बातचीत का सिलसिला अब नही है!!-
21 JUL 2019 AT 15:04
रिश्ते ऐसे बनाओ की आसानी से टूट जाये
प्यार ऐसे करो की आसानी से छूट जाये..
वरना किस्मत दुबारा मौका नहीं देती बंधू
कही ऐसा न हो आप अन्दर से बिल्कुल ही टूट जाए!-
17 JUL 2020 AT 12:17
हम अपनी अच्छाई से मारे जाते है,
वरना हमें तो हमारी बुराई ही थीं ।-
3 APR 2019 AT 8:50
कोई तो कमी रही होगी मेरी फ़रियाद में,
वरना मेरा ख़ुदा तुझे यूँ जाने ना देता!!-
11 SEP 2020 AT 12:04
मैं और तुम कब हम होंगे?
फ़ासले कैसे कम होंगे?
एक साथ हम संगम हैं,
वरना बस शबनम होंगे..!
सिद्धार्थ मिश्र
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