इश्क़
जो जाम है
नशे का।-
हालात का क्या है
कभी अच्छे तो कभी बुरे है।
Pariza
ज़िन्दगी एक किताब है
जिसे पूरी तरह पढ़ना
अभी भी बाकी है।-
ज़माने को देख साँस लेने से डर लगता है
आंख खोलू तो हर सुबह
ज़िन्दगी नसीब होगी भी या नहीं
इस बात से डर लगता है।-
मेरे हमराह, तू तन्हा राहों को छोड़ मेरे साथ चल भी सकता है
इश्क़ में मेरी आदतों को अपना बनाया है मुझे ज़िन्दगी भर का भी बना सकता है।
दिल लगी मुझे सिखा के मुझे तुझसे इश्क़ हुआ
आकर मेरी बाहों में मुझे मोहब्बत करना भी सिखा सकता है।।
ज़माने में तुझ सा मिल जाये कोई यह मुमकिन नहीं
आकर मेरा हाल तो देख ले हर दुआ में तेरी फरियाद करती हु।
खुद को इतना बेज़ार समझती हू छोटी सी गलती को भी ख़ुशी समझती हु
मुलाकात बाकि है छू के मुझे गुलज़ार कर दे ज़रा।।
बिखड़ी हु इस तरह के रुह निकलने का दर्द मालूम होता है
मुकम्मल कर दे तू के मुर्दे में जान सी आजाये ज़रा।।।
-
लोगो की बातों को देख
हम खुदको तन्हा न समझ बैठे
अब पता चला हम तो इतने
तन्हा है की एक परछाई भी
अपनी जिस्म से नहीं होती।-
शीशे की चमक देख कर नहीं तौलना चाहिए
अक्सर गर्म पानी डालने से टूट जाता है।
और अफ़सोस उतना ही होता है।-
जिससे इश्क़ हुआ
उसी से मोहब्बत भी हो जाती
तो यह मंज़र ही क्या खूब होता
बातों में चेहरे से नूर बहता।-
खुदगर्ज़ मोहब्बत होता है
इश्क़ नही।
उसूल मोहब्बत के होते है
इश्क़ के नहीं।।
-