हाल ए ज़िंदगी कुछ यूं बयां करूं, की
एक कोरा कागज़ लूं ओर उसे कोरा ही छोड़ दूं....-
एक समय आएगा जब तमाम नाती-पोते आपको घेर कर पूछेंगे?
दादाजी/दादीजी (नोटबन्दी) की कहानी सुनाओ
नानाजी/नानीजी (GST) की कहानी सुनाओ
दादाजी/दादीजी (धारा_370) की कहानी सुनाओ
नानाजी/नानीजी (NRC) की कहानी सुनाओ
दादाजी,दादीजी (CAA) की कहानी सुनाओ
फिर कोई सा बोलेगा नानाजी/नानीजी (राम-मंदिर) कैसे बना ?
एक पूछेगा दादाजी/दादीजी आप (कोरोना) से कैसे बचे ?
अगर आप भी चाहते हैं कि आपके नाती पोते आपसे ये बात पूछें तो (21) दिन चुपचाप अपने घर में ही रहें।
🙏🙏🙏-
हाल ए ज़िन्दगी को बयां ऐसे कीजिए ।।
दूसरों के लिए भी नसीहत का सामान कीजिए ।।
गर ज़िन्दगी के पन्नों को यूं कोरा छोड़ा जाएगा ।।
आने वाली नस्लों को फिर क्या तोहफे में दिया जाएगा ।।
बेहतर है के कुछ ऐसा काम कर के जाया जाए ।।
के तुम्हारा नाम यूं ही सदियों तक पुकारा जाए ।।।
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आज सबके दिलों में एक ही शोर है ।
यार हम घर में बैठे बैठे बहुत बोर है ।।
🏡 Stay at home 🏘️-
ख्याल आते ही तेरा
रोशन दिल में हर टाऊन हो गया...
धड़क उठा दिल और
लॉकडाऊन हो गया...-
लाखों में बिक रही है आज दारू की बोतल
और लोग कहते हैं कि देश यह गरीब है
चिथड़े लपेट कर भी वो खड़ा है ठेके पर
और लोग कहते हैं कि बड़ा बदनसीब है
डेढ़ महीने में भी नहीं हटा आंखों से पर्दा
और लोग कहते हैं कि रोग ये अमीर है
उड़ाकर धज्जियां लगे हैं दारू की लाइन में
ये दारू का शौक है या मर चुका जमीर है-
लॉक डाउन क्या हुआ
बढ़ती कीमतें देख कर
लोग हैरान और परेशान हुए
आमदनी का साधन नहीं
खर्चा रुपया का हाल हुए
मकान मालिक सिर पर
खड़ा मांगे किराया
आम आदमी के रहने का
ठिकाना नहीं
कहां से भरे किराया
काम धंधा सब ठप हो गया
लॉक डाउन खुलते ही
महंगाई की धार बढ़ी
आम आदमी पर ये मार पढ़ी
दाल रोटी भी अब पहुंच के बाहर हुई
राजनीति की रोटियां सिंक कर तैयार हुई
मुफ़्त में राशन देने का प्रचार हुआ
जनता के वोटों का इंतजाम हुआ
जनता हैरान परेशान देखती रह गई
भूख का मुख पर लग गया ताला
खाने का इंतजाम करने से
नेताओं की वाह वाही हो गई-
सुनो
इतने ही में पट जाओ न
लॉकडाऊन है,
इत्र औऱ गजरा कहाँ से लाऊं
तुम्हे रिझाने को......!-
वो भी क्या दिन थे;
छुट्टीयों के लिए हम
तरसते थे।
लेकिन, आज छुट्टीयों की
छुट्टीयां कभी खत्म
होगी इसकी राह
देखते है हम।-