सोचते नहीं,
सोचना पड़ता है,
सोच कर ही हम,
बस मुस्कुरा लेते हैं।
किसी का दिल चुरा,
पाए ना चुरा पाए,
चुरानें का सोचकर,
हम मुस्कुरा लेते हैं।-
घटाएं इस कदर रूठीं,
बादल फुट-फुट कर रोया है।
मिलन की सौगात है या जुदाई?
इस बीच मौसम ने ली अंगड़ाई,
लगता है उसने मज़ा ने पाई।
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मुझको तन्हा कर दिया है
ये तुने बहुत अच्छा कर दिया
अब ना उम्मीदों में जीना
ना उत्साह में रहना
जिंदगी जितनी तन्हा हो
आँसू उतने ही कम
दिखते हैं आँखों में
कम से कम
दिखावे में तो
नहीं जीते हैं
ये तन्हा जिंदगी
तन्हा ही रहेगी
बस अब
उम्मीदों पर नहीं जियेगी-
मेरे बिना कहे ही,सारी बाते सुन लेते हो
कोई फरिश्ते हो क्या,सारी बाते जान लेते हो।
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जब मन करता है तुम्हे देखने का
तुम्हारी तस्वीर देख लेते हैं
तुमसे मिलने की चाहत हो कभी
तो हाथों की लकीर देख लेते हैं
हमारी हैसियत भी होती कभी तुम जैसी
मगर फिर वक़्त की जकड़ी जंजीर देख लेते हैं
तुम मेरे हो जाओगे
गर कभी ये ख्वाब आये
तो खुद को देख लेते हैं
और खुद की तकदीर देख लेते हैं ।😑😔
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लोग बदहाली में
लोग बदहाली में, किनारा कर लेते हैं
मौका देखकर खेल सारा कर लेते हैं
लोग बदहाली में
सब के सब अपने वाले, होते नहीं, अपने
कुछ तो आंखों आंखों में इशारा कर लेते हैं
लोग बदहाली में
दिन हो अपने, तो, सब के सब होंगे अपने
बदले वक्त में, खास भी किनारा कर लेते हैं
लोग बदहाली में
मत सोचो लोग तुम्हारे बिना कैसे रहेंगे "केतकी"
शानो-शौकत से न सही गुज़ारा कर लेते हैं
लोग बदहाली में
ज़माना नहीं रहा अब सातों वचन निभाने का
साथ छोड़कर अब फेरे दुबारा कर लेते हैं
लोग बदहाली में
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तेरा ख़्याल जब बहुत उदासी देते हैं !!
तेरी तस्वीर की झलक हम देख लेते हैं !!
दिल में आता भूल जाऊँ तुझको मगर
कोई बताये कैसे ये लोग कर लेते हैं !!
पाने को एक आहट सुबह से शाम तक ;
दीवानों की तरह हम तुझे ढूंढते रहते हैं !!
तेरी यादों का नशा रहता आँखो में मेरी ;
हमने पी रखी है लोग ये समझ लेते हैं !!
कैसे करें तेरे तगाफुल की शिकायत भी ;
दीवानगी की हद ये भी इश्क़ समझ लेते हैं !!
तेरे इफ्तिखार की राहों में न आयेंगे सोच ;
तड़प कर खुद से खुद की जान हम लेते हैं !!
आसव की मायूसियों की खबर तुझको न हो ;
याद में तेरी चुपके से अश्क़ बहा हम लेते हैं !!
Aasav
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"दोस्त सम्भाल लेते हैं"
छाई हो उदासी, या हो मायूसी
हमेशा आकर थाम लेते हैं,
देकर दो चार गाली और फटके
दोस्त सम्भाल लेते हैं।।
हालत देखते हैं, ना देखते हैं हालात
दिल से होती है दिल की बात,
बिन बोले बिन बताये बिन बुलाये
न जाने कैसे सब भाँप लेते हैं,
देकर दो चार गाली और फटके
दोस्त सम्भाल लेते हैं।।
न तेरा करते हैं, न मेरा करते हैं
जो भी है सब अपना समझते हैं,
पर ज़रूरत पड़ने पर ये साले
अपनी जान तक वार देते हैं,
देकर दो चार गाली और फटके
दोस्त सम्भाल लेते हैं।।
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