दिल से दुआएं कम न करना
दिल से मुझे तूं बेदम न करना
हर सांस, हर आस हैं तेरे नाम
छीनकर मुझसे खतम न करना
मैं तेरा हूं तेरा ही रहूंगा मेरे दोस्त
जीते जी मुझपे बहम न करना
भूलकर भूल से गर हो जाए भूल
मेरे भूल पे तूं आंखे नम न करना
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अपनों के दिये दर्द से घायल हूँ
इसिलिए कविताओं में शब्द कम आँसू ज्य... read more
जितना गहरा लगाव उतना गहरा घाव मिलता हैं
नफरतों से, बेरुखी का स्वभाव मिलता हैं
हालात जब हद से ज्यादा हो जाते हैं मुश्किल
कौन अपना,पराया यही सभी का थांव मिलता हैं
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सच के संग संग, झूठ मिला देते हैं लोग
खुशी के साथ, गम का सिला देते हैं लोग
जमाने पे भरोसा, जरा संभल कर करना
दो घूंट में भी तो, जहर मिला देते हैं लोग
भीड़ में तूं ज्यादा देर सोने की न सोचना
जरुरत पे गहरी नींद में हिला देते हैं लोग
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कुछ तो मुस्कान बचाकर रखिए
कुछ तो अरमान बचाकर रखिए
भुला देते हैं वक्त बदलते, अपने
कुछ तो पहचान बचाकर रखिए
जब तक साहस हैं, सुनते रहिए
कहने को बयान बचाकर रखिए
लूट लेते हैं इज्ज़त अपना बनके
केसै भी तो मान बचाकर रखिए
बेवफाओं पे मत जान लुटा देना
अपना बलिदान बचाकर रखिए
चकाचौंध देख मत घबरा जाना
अरे अपना ईमान बचाकर रखिए-
गर फब्तियां नजर अंदाज़ कर, चलना आ गया
समझ लीजिए तुम्हें हर हाल में ढलना आ गया
सही हो या गलत हो किसी को क्या फर्क पड़ेगा
गर पगडंडियों पे भी तुमको, सम्हलना आ गया
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