Radhe Shyam Chadar   (ketki)
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Joined 9 August 2017


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Joined 9 August 2017
5 HOURS AGO

नफरत की आंधियां ख़ून बहा रही हैं
छोटी थी खाईयां बहुत गहरा रही हैं

जो हैं हालात सहम जाते हैं "केतकी"
हालातों के आगे ये धरा थरथरा रही हैं

जिनको पाल पोसकर बड़ा भी किया
वो जननी कोख पर आंसू बहा रही हैं

बोई थी मोहब्बत की फसल मेरे बाग में
आज बाग की हर कली आंसू बहा रही हैं

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5 HOURS AGO

मैं तुझसे हारकर तेरी जीत का हिस्सा हो जाऊंगा
हारने का डर नहीं तेरी प्रीत का हिस्सा हो जाऊंगा

मिलकर बिछड़ेंगे कोई अफसोस न होगा "केतकी,"
दूरियां होगी तो तेरे अतीत का हिस्सा हो जाऊंगा

जिसे जब चाहो प्यार करो कोई पाबंदी तो नहीं
था चाहने वाला तेरा ये रीत का हिस्सा हो जाऊंगा

जब जमाना तुझे तन्हा छोड़ देगा ज़माने में
तेरे दर्द भरे नगमों में गीतों का हिस्सा हो जाऊंगा

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26 APR AT 20:09

रब सबको जो देना हो तुम दे देना
सबको सब देना सेहत कम न देना

आज दुःख हैं कल सुख भी मिलेंगे
देना हैं तो दे कल का वहम न देना

उठ सकता हैं आज मेरा जनाजा
और जी सकूं तूं वो मरहम न देना

मिले ज़ख्म कभी तो भर ही जाएंगे
रब देने वाले का कोई रहम न देना

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26 APR AT 20:02

वो पल भर इंतजार न कर सके
ख़ाक जिंदगी भर इंतजार करते

जरा सी बात में रुठकर चले गए
वो क्या ख़ाक तुमसे प्यार करते

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26 APR AT 20:00

वो चुप हैं पर हर बात कह रहे हैं
दिख नहीं रहे पर आंसू बह रहे हैं

हम कह नहीं रहे गम तो हैं बहुत
बता नहीं रहे चुपचाप सह रहे हैं

रिश्तों को तराशना आया नहीं
इसीलिए आज अकेले रह रहे हैं

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26 APR AT 19:57

एक बार बदनाम तो हो जाओ
लोग ताने मारेगे
बात सही हो या न हो लोग तो
निशाने मारेगे
तुम ज़रुरत में कभी मांगकर
तो देखना
लोग न देने के जाने कितने वे
बहाने मारेगे

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25 APR AT 21:05

मुस्काते गांव की सुबह शाम उदास हो गई
जबसे शहर की हवा गांव के पास हो गई

इंसानों को भी अब सुकून कहां मिलता हैं
जब ये जिंदगी सुविधाओं की दास हो गई

लोगों में आजकल संवेदनाएं मर सी गई
इंसानियत की अब तो शुरु तलाश हो गई

जिंदगी की कुछ पहेलियां हल कर न सके
उम्र ढलने ढलते जिंदगी भी निराश हो गई

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25 APR AT 18:41

धीरे धीरे खुशियों के पल सिमटते चले गए
अच्छी यादों के निशान भी मिटते चले गए

सोचा था, अब तो, हालात काबू में हो चले
जितना कसे उतने मुझसे छिटकते चले गए

एक राह, चलते तो, शायद मंजिल पा लेते
कई राह चले हम फिर तो भटकते चले गए

भूलकर भूल न जाए उनकी अदाकारी हम
प्यार के सकल संवाद हम तो रटते रह गए

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24 APR AT 19:34

लगता हैं मेरी जिंदगी पतंग बन गई
जीतने हारने के प्रश्न में जंग बन गई

कौन सा दुःख छोड़े कौन पकड़े रखें
मेरी ख्वाहिशें अब अंग भंग बन गई

मिला न मुझको वादे निभाने वाला
गमों से दोस्ती अब अंतरंग बन गई

जो कभी मेरे दिल में बसा करते थे
उन्हीं से आजकल मेरी जंग बन गई

कोई मेरे हालात समझे या न समझे
हकीकत में ये जिंदगी बेरंग बन गई

जो आता हैं बजाकर चला जाता हैं
लगता हैं मेरी जिंदगी मृदंग बन गई

सोचा था कभी शान से जिया करेंगे
हसरतें रह गई जिंदगी बेढंग बन गई

अकेले चलने की ख्वाहिशों बहुत थी
कैसे चलेंगे जिंदगी अपंग बना गई

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24 APR AT 19:29

जिनको हमने चाहा वो छोड़कर चले गए
भरोसे में बंद ये आंखें खोलकर चले गए

रफ्ता रफ्ता मेरी जिंदगी चल तो रही थी
मेरी जिंदगी में आए तो रोककर चले गए

आए तो थे मेरा दुःख दर्द बांटने "केतकी"
बेहाल न दिखे तो मन मसोसकर चले गए

सब के सब जीवन में मदद देने नहीं आते
कुछ तो ऐसे आए दुःख परोसकर चले गए

आए तो थे लाइलाज़ मर्ज का इलाज करने
दवाएं, दुआएं ऐसी दी बेहोश कर चले गए

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