Dr Nisheeth Chandra   (Dr. Nisheeth Chandra)
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https://www.yourquote.in/drnc2108
Joined 3 July 2018


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13 DEC 2020 AT 0:37

सोम मंगल बुध गुरु शुक्र या शनि
अजी ना! इश्क़ तो इतवार सा चाहिए।

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16 SEP 2020 AT 23:59

मन्नतें पूरी करने को उनकी
टूटते गये टूटे तारों की तरह।।

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29 SEP 2021 AT 14:53

ना मिलता सुबह को सुकूँ है
ना आता शाम को आराम है,
ज़िंदगी जीने में हम भूल गए
की ज़िंदगी जीने का नाम है।

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10 SEP 2021 AT 0:47

💐💐 शुभ गणेश चतुर्थी 💐💐

दूर हुआ अंधियारा मिट गए सारे कलेश,
लेकर आये प्रसन्नता प्यारे बप्पा गणेश ।

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8 SEP 2021 AT 16:53

तुम कहो तो चाँद - तारे तोड़ लायें
इस तरह की झूठी बातों में ना आयें,
इश्क़ को ज़रूरी है बस इक इश्क़
दिल से पहले अपना दिमाग लगायें।

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3 SEP 2021 AT 21:11

थोड़ा थोड़ा कर के ही सही, सजाते हैं
आओ मिलकर मकाँ को घर बनाते हैं।

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31 AUG 2021 AT 21:08

ख़्याल उनके रुख़सत नहीं होते
इसीलिए हम फुर्सत नहीं होते।

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14 AUG 2021 AT 21:24

भारत की आज़ादी का मिलकर जशन मनाते हैं
किसी के आँसू तुम पोंछो किसी को हम हँसाते हैं।

- डॉ. निशीथ चन्द्र

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2 JUL 2021 AT 2:04

गलती उसकी थी और गलत हम हुए,
इस ग़लतफ़हमी में कितने रिश्ते ख़त्म हुए।

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17 APR 2021 AT 14:18

"परिवार"
कभी कभी ही मिलते हैं
पर एक दूजे के दिल में बसते हैं,
नहीं गयी दुआ कोई भी ऐसी
जिसमें अपनों को याद ना करते हैं,
सुख में शायद ना आ पायें
पर दुःख में कभी ना पीछे हटते हैं,
फिक्रमंद तुम हुए वहाँ पर
यहाँ आँसू सबकी आँख से बहते हैं,
निःस्वार्थ निश्छल ऐसे बन्धन को
इस जग में " परिवार " कहते हैं।

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