QUOTES ON #ललक

#ललक quotes

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18 MAR 2017 AT 12:52

मंज़िल वो अजीब सी दोस्त है..
जो हाथ दिखाती दूर से।
अपने पास बुलाती थोड़ा..
सपने दिखाती नूर के।

फिर जब मैं पहुँचूँ उस तक तो..
वो नखरे कर दूर जाती है।
हाँ उस तक फिर पहुँचने की..
एक ललक जरूर जगाती है।।

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12 AUG 2021 AT 7:20

# 13-08-2021 # काव्य कुसुम # मन रूपी दर्पण #
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मन रूपी दर्पण में अपने जीवन के प्रतिबिंब को निहारने की ललक होनी चाहिए।

जीवन के प्रतिबिंब में अपने जीवन को गतिशील बनाने की झलक होनी चाहिए।

मन रूपी दर्पण में अपने जीवन का समग्र मूल्यांकन ही जीवन का सार है -

आत्मबल का सदुपयोग कर जीवन को कर्मशील बनाने की झलक होनी चाहिए।
============= गुड मार्निंग ==========

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15 JUL 2021 AT 7:21

# 16-07-2021 # काव्य कुसुम # अच्छा था #
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जो बात आज हुई वो पहले हो गई होती तो अच्छा था।

तुम्हारे प्यार की झलक पहले मिल गई होती तो अच्छा था।

अब तो तुम्हारे प्यार में खोकर मस्ती से ज़िंदगी गुजार दूँगा -

तुम्हारे प्यार की ललक पहले मिल गई होती तो अच्छा था।
============== गुड मार्निग ==========

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29 DEC 2018 AT 7:12

जी अभी आँखो का पर्दा
ठीक से उठा भी नहीं...

ये सुबह की ठंडक,
ज़ीभ की ललक,
और दिली आरज़ू...

चाय की झलक के
लिए तरस रहे है...

थोड़ा तो रहम खाइए,
अब यूँ न तरसाइए,
दो घूँट हमे भी पिलाइए...

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20 FEB 2024 AT 21:22


चलते रहना,आगे बढ़ते रहना
मंजिल को पाने की ललक
धैर्य की होती है परख
दुनिया के नजारे दिखाता है हमको
सफर सिखाता है हमको...

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6 NOV 2020 AT 16:41

चेहरे पर हमारे उन के
इंतज़ार की उदासी है
उनकी खामोश चाहत
का इज़हार करती है
मेरी निगाहे लब उनके
खामोश सही
मगर उनकी नज़रे
बेकरार करती है

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6 MAR 2020 AT 13:56

हसरतें_ए_ताकीद है कि
वो ललक_ए_ईश्क
को एक मुकम्मल कहानी
बना लूं
पर खामोश हो जाता हूं
क्योंकि वो तसव्वुर_ए_ख्वाब थी
जो रात को एक दिव्य चमक के साथ दिखती
और सुबह बस एक धुंधली चित्र

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24 DEC 2020 AT 7:49

बरसों से वीरान हैं दिल का चमन
तेरी झलक मिल जाये बस ये ललक रखूँ

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17 AUG 2019 AT 23:49

कही दूर तलक पलकों से खेलता है तु,
तड़पती अाखें ललक हो उठती है।

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3 JAN 2022 AT 16:58

हर फूलों की तकदीर में महक नही होती,
हर चिड़ियों के नसीब में चहक नही होती,
पटकते रह जाते है सिर सलाखों से वो ही,
पीज़र तोड़ने की जिसमें ललक नही होती।।

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