✨🌻कोख़ एक मन्दिर ✨🌻-
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मुझे आज भी तुम्हारे वो अल्फ़ाज़ बहुत याद आते हैं,
कि मैं तुम्हारी मांग में सिंदूर लगाऊंगा,-
{°°==मेरी नस-नस में दफ़न हैं,
वो किस्से मेरी बर्बाद मोहब्बत के
"वो मोहब्बत जो अधूरी रह गई,
वही मेरी रूह की पहचान बन गई==°°}-
हमारे बाबू जी ने एक अल्फ़ाज़ में सारी ज़िन्दगी की हक़ीक़त समझा दी थी,
ख़ुद भला सब का कर के भलाई की कीमती अपने ऊपर कभी भी मत लेना,
नहीं तो वो त्याग समर्पण खत्म हो जाएगा।।-
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आलम़ बहुत गज़ब का है,कि तुम्हारी मोहब्बत का नश़ा है !!
मदहोशियां की सरगर्मियां तेज हो रही हैं,
क्योंकि तुम्हारी मोहब्बत का आलम़ बहुत दिलकश़ है !!-
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मोहब्बत की तड़प तो इतनी शिद्दत भरी हुई है,कि
ज़ाहिर कर दें तो तुम्हें ख़ाक़ कर सकती है हमारी मोहब्बत !!-
तुम्हारा जब भी मन उदास लगे~~}
जब भी जीवन परेशान लगे ~~}
हमसे बात कर लिया करो ❤️
खुद को अकेला मत समझा करो कभी~~}
मैं हमेशा हूं तुम्हारे पास तुम्हारे साथ~~}
जब भी थकान लगे परेशानी लगे अकेलापन लगे~~}
आ जाया करो कोई आपका बेसब्री से इंतजार करता है~~}
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"मैं तमाम उम्र तुम्हारी क़र्ज़ दार रहूंगी।।"कुछ रिश्तों में तो पत्नी को उस का दर्जा भी नहीं मिलता।।
"तुमने तो इतने फ़सलों में भी प्रेमिका से पत्नी का दर्जा दिया है हमें !!-
कठिन 🖤🍂
"कितना कठिन हृदय करना पड़ता है इस बात को समझने के लिए"
"की जो अल्फ़ाज़ और इन्सान एक बार चला गया वह कभी वापस नहीं आया है "-