किसी ने पूछा "सियासत" क्या होता है,
मैं बोली जनाब जब मैं "आग" लगाऊं,
तुम उसको पूरे चालाकी से "भड़काना",
पर अगर "जनता" देख रही हो
तो "उसी वक्त" तुम भी उसी "आग" में,
जनता को "बेवकूफ" बनाते हुए,
जरा सा "अपना हाथ" भी जलाना,
बस जनाब यहीं "रियासत की सियासत"
का फसाना है..!!!
:--स्तुति
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