न कि कसकने वाली -
न कि कसकने वाली
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जब लोग लोगों को वस्तु की तरह अपने स्वार्थ के लिए प्रयोग करते है तब लोगों वह मित्र या वंधु नही वस्तु होता हैं| -
जब लोग लोगों को वस्तु की तरह अपने स्वार्थ के लिए प्रयोग करते है तब लोगों वह मित्र या वंधु नही वस्तु होता हैं|
वो चाय हम और तुम वो समय वो जगह वो मौसम -
वो चाय हम और तुम वो समय वो जगह वो मौसम
बस दिमाग और दिल का बहम था। -
बस दिमाग और दिल का बहम था।
शांति से विचार करो कि आखिर जीवन क्या है, क्या है जीवन। -
शांति से विचार करो कि आखिर जीवन क्या है, क्या है जीवन।
जीवन , प्रयास और प्रतीक्षा का ही समूह हैं। -
जीवन , प्रयास और प्रतीक्षा का ही समूह हैं।
भटकना तेरे चारों ओर ऐसा है जैसे कि, भंवर में फसी मछली, न उस पार पहुंची न इस पार निकली।। — % & -
भटकना तेरे चारों ओर ऐसा है जैसे कि, भंवर में फसी मछली, न उस पार पहुंची न इस पार निकली।। — % &
चलो चाय पर एक मुलाकात रखते हैं। अपनी यादों को ताजा करते हैं। -
चलो चाय पर एक मुलाकात रखते हैं। अपनी यादों को ताजा करते हैं।
वो बोले चाय छोड़ दो, हमने कहां क्यूँ बोले हम साथ तो है। हमने भी कह दिया न जी न,तुम साथ हो और वो तो हम ही है।। -
वो बोले चाय छोड़ दो, हमने कहां क्यूँ बोले हम साथ तो है। हमने भी कह दिया न जी न,तुम साथ हो और वो तो हम ही है।।
Life is everything but everything is not life. -
Life is everything but everything is not life.