माना मुश्किलें है इन रास्तों में तुम डर कर सफ़र अधूरा मत छोड़ो
मंजिल दूर हुई तो क्या तुम प्रयास करने से पहले हिम्मत मत छोड़ो-
तुम तक पहुंचने के
मुझे मिल गया
बस दिल में जानें का रास्ता
अभी तक नहीं मिला-
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही।
इश्क़ मे प्रेमी कभी झुकता नही।।
खामोश है हम किसी की खुशी के लिए।
न सोच की हमारा दिल दुखता नही।।-
क्यों मेरे रब मुझे इतना सताते हो
मेरे अपनों से ही मेरी तोहीन करवाते हो
गलती तो बता जाया करो मेरी
क्यों हर बार मेरी ही हंसी छीन ले जाते हो-
चंद मोड़
थोड़ी अड़चने
कोई तूफान
जरा सी बदकिस्मती
कोई भी रोक न पाये
हमें तुमसे मिलने से-
देख ली ज़िन्दगी.. हमनें घूम कर ज़माने भर
सबके हाथों में तीर थे.. और हम ही थे निशाने पर,
किसी काम ना आये मरहम सारे उम्मीदों के
के और भी गहरा गए.. ज़ख़्म-ए-दिल-ओ-जाँ छुपाने पर,
साग़र से मिलने निकली तो थी नदी अरमानों की
पऱ वक़्त ने खड़े कर दिये.. बांध से हर मुहाने पर,
जाने कैसी है यह.. मुहब्बत की राह-ए-गुज़र
के क्यूँ मंज़िल बदलती नहीं.. रास्ते बदल जाने पर,
बहुत ऊँचा उड़के.. लौट आये तेरे तसब्बुर के परिंदे सभी
आजकल बहुत चहल-पहल सी है..मेरे आशियानें पर,
वैसे तो.. ख़्वाइशों की
मन में इक गुदगुदी सी है
पऱ.. कमबख़्त हम क्या करें.. अंकुश सा है मुस्कुराने पऱ..!-
तुम्हारे बिना ये ज़िन्दगी अधूरी है
वो गलिया वो रास्ते
आज भी तुम्हारी राह देख रहे है
हर शिकवा दूर कर
हर गिला दूर कर
दुनिया को भूल कर
एक दूसरे में खो कर.....
एक नई जिंदगी की शुरुआत करे
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ना जाने ...मंज़िल कहाँ होगी ?
जिसे ढूंढता हूँ दर-ब-दर ..🚶
ना जाने दिल...वो कहाँ होगी?
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