QUOTES ON #रईस

#रईस quotes

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4 JUL 2020 AT 17:02

हमनें यूँ तो दुश्मनी निभाई रश्क रखनेवाले से,
काश..क्भी चाहनेवाले पर ग़ज़ल लिखी होती!

हमने लिखी है चाँद सितारों पर रूमानी गज़लें,
काश..तक़दीर के मारों पर ग़ज़ल लिखी होती!

हमनें की फूलों और कलियों की ख़ैर-मक़्दम,
काश..उजड़े गुलिस्तां पर ग़ज़ल लिखी होती!

हमनें सागर के उफनते हुए यौवन को सराहा,
काश..संजीदा साहिलों पर ग़ज़ल लिखी होती!

जो आदतन करते रहे हसीं जिस्म का सौदा,
काश..उनकी बदकारी पर ग़ज़ल लिखी होती!

हमनें उगते हुए सूरज को किया है नमस्कार,
काश..ढलते हुए सूरज पे ग़ज़ल लिखी होती!

हमारी तवज्जो होती रईस की डोली की तरफ,
काश..मजबूर कहारों पर ग़ज़ल लिखी होती!
_Mr Kashish

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30 NOV 2020 AT 21:06

तुम कैसे रईस हो हुज़ूर ऐसा क्या सामान है
दर्द-ए-दौलत पास मेरे मुझे इसका गुमान है

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4 SEP 2018 AT 8:11

रईस का औलाद है वो
चाकुओं से काटकर खायेगा
कोई गरीब का बच्चा थोड़े है
जो मिलबांट कर जश्न मनाएगा

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26 JUN 2019 AT 21:26

रईस क्या हुआ मेरा तो तार्रूफ़ ही बदल गया,
लोग कहते है अब अच्छा वो जर्मन शेफर्ड वाले।

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20 MAR 2020 AT 23:21

"अगर एक रईस कोरोना से मरेगा
सौ गरीब भूखमरी से मर जाएंगे"

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3 OCT 2017 AT 20:48

सोच सोच का है बस फर्क, तुम्हें क्या पता इसका तर्क
तुम अपने दिखावे की दुनिया में मश्हूर हो
और मै अपनी छोटी उम्र से कितना मजबूर हूँ

----Shiwanshee

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🐾🎀✍️"असंतुष्ट रईस "🎀🐾
🎀🐾🎀
मिल गए सब चीज उसे फिर भी नामुराद मालूम पड़ता था!
न जाने क्या किल्लत थी, न कभी आजाद मालूम पड़ता था।
🐾🎀🐾
अच्छा पेशा था यह जो उसने प्रारंभ की थी इसे वर्षों पहले!
बस चीज पे चीज की माँग, न मन भरती थी कितना कह लें!
🎀🐾🎀
बड़ों ने समझाया बहुत पर सब अक्सर बेअसर हो जाता था।
सुनता कहाँ था वह; बस अनसुना कर वैसे ही सो जाता था।
🐾🎀🐾
बस जैसे तैसे चाहिए थी उसे कुछ चीजें जैसे वो सब जरूरी थीं!
पर माँगना ऐसे, कभी प्रतीत तो नहीं होती थी, कोई मजबूरी थी।
🎀🐾🎀
शायद आदत लग गई थी, ये चाहत की भूख, नहीं कतई नई थी।
आखिर समझ गया वो संतुष्टि जरूरी है; अब आदत लग गई थी।
🎀🐾🎀
धन तो जैसे बरसे हों घर पर! वह बैठ बरस तक खा सकता था।
ठीक अभी ही छोड़ी थी, अति चाहत की लत, बता सकता था।
🐾🎀🐾
यूँ कहें तो अत्यधिक मंशा चीजों की ज्यादा उचित नहीं कदापि।
संतुष्ट रहना भी जरूरी है खुशी के लिए, समुचित सही तथापि।

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25 DEC 2019 AT 13:25

इन दिनों दिल खुद को रईस महसुस करता है,
मोहब्बत के बादशाह पे हुकूमत है मेरी।
☺️☺️

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31 MAY 2019 AT 13:41

"कुछ नही है बाऊजी, जरा सा बी पी बढ़ा हुआ है, मैं दवा लिख देता हूं, थोड़ा आराम करें और दवा लें जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे"! डॉ साब ने तसल्ली से चेक करते हुए कहा। ख़ाँ साब शायद उनके फ्री होने की ही प्रतीक्षा में थे, तपाक से इम्प्रेशन जमाने के चक्कर मे बोले "सेठ जी बहुत पुरानी आसामी हैं, 2 बेटे हैं, दोनो का हैदराबाद में बहुत बड़ा काम हैं, 3 फैक्टरियां है, लगभग 400 लोगो का स्टाफ है!" पर ऐसा लगा या तो डॉ साब को सुनाई नही दिया या उन्होंने ध्यान नही दिया, सो बात को आगे बढ़ाते हुए, जरा ऊंचे स्वर में बोले "बहुत आलीशान बंगला बनाया है वहाँ, मैं तो गया भी था गृह प्रवेश में, करोड़ो रूपये लगाए हैं जी, बहुत क़ाबिल सन्तान हैं, सेठ जी की!"
इस बार जवाब फटाफट मिला, "इतने क़ाबिल और रईस कि बुजुर्ग माँ बाप को सम्भालने तक कि फुर्सत नही, बीमारी में तो आप लेके आते हो दिखाने को!"
अचानक माहौल भारी हो गया, खां साब और सेठ जी ज़मीन ताकने लगे, डॉ साब ने अगले मरीज़ को अंदर आने का इशारा किया और चुप्पी तोड़ते हुए बोले, "चाय पियेंगे ख़ाँ साब"???

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25 JUL 2019 AT 11:18

@_alfaaz_or
वो रईस है किताबें लिखते हैं
और हम मुफ़लिस हैं, उनके लिए लिखते हैं।

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