आजकल की दोस्ती बस इतनी सी रह जाती है
पहले ढेर सारी बातें फिर इंतज़ार में बह जाती है।-
मॉडर्न जमाना है साहब यहाँ रिश्ते फ़ोटो में तो दिखते हैं
ना कोई किसी का फ़ोन छूता है ना वक़्त है किसी के लिए-
यू तो न खेल,,की दिल बस टूट जाये बेचारा,,
तेरे तो है यार बहुतेरे ,,मेरा तू ही है बस यारा,,
मेरे लंबे सवालों का जवाब स्माइली से देते हो,,
होती हो ऑनलाइन पर busy नज़र आते हो,,
Ignore करने की ये नई अदा तुम कहा से लाते हो,,
पता है तुम्हे भी,मेरा तुझ बिन नही है गुज़ारा,
तेरे तो है यार बहुतेरे ,,मेरा तू ही है बस यारा,,
वक्त आने पर ही अब मेरी याद आती है,,
जाना भी चाहूँ तो वापिस बुलाती है,,
न दोस्ती निभाना आता है,न इश्क़ तूँ निभाती है,
तेरी इन्ही बातों से मेरी जान निकल निकल जाती है,,
नकली वफ़ाओ से भाग,मैं कही हो न जाऊं आवारा,,
तेरे तो है यार बहुतेरे ,,मेरा तू ही है बस यारा,,-
तेरी तलाश में खुद को खो चुका हूँ मैं
ऐ जिंदगी तुझसे भी खफा हो चूका हूँ मैं
जितने भी मिले रंग उतने ढंग के मिले
मिलके हर रंग से बेरंग हो चुका हूँ मै
इंसान बचे हैं या है इंसानियत बची
मिलता नहीं जवाब तंग हो चुका हूँ मै
अपनी मिले खबर न जग की ही खबर मिले
उलझे है ख़यालात बेखबर हो चुका हूँ मै
अपना ही बस दिखे अब कोई और न दिखे,
दुनिया को भूल खुद का हमसुखन हो चुका हूँ मै
मुझको भी मिला दे अब मेरे वजूद से
मुझे हो रहा यकीन वजूद खो चुका हूँ मै-
आज कल की लड़कियां गजब भा रही ।
जुल्फे खोल कर और बदन दिखकर कहर ढा रही ।
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यह मॉडर्न वाली मोहब्बत,
कहो तो कर लें हम तुमसे।
या कहानी कोई पुरानी,
सुनाएं तुमको जाने जां।
❤️❤️-
मैंने कभी अपने घर पर पानी तक लेकर नहीं पिया ।ये सब काम तुम्हे ही करना पड़ेगा पर हमारी फैमिली बहुत मॉडर्न है तुम्हे जॉब करने की अनुमति दे देगी।
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यूँ तो इंटरनेट ने प्यार को आसान बना दिया ..
पर रिवाज तो यहीं हैं कि
'आसानी से मिले चीज़ो का लोग महत्व नही समझते'-
एक जमाना था....
नारी के कपड़े उतारे जाने की कोशिश करने पर "महाभारत" हो गई थी.....!!
और
ये एक जमाना हैं,
नारी को तन ढकने को बोल दो तो "महाभारत" हो जाए...!!
(मॉडर्न होना अलग बात हैं, ओर अपनी सभ्यता/संस्कृति को भूलना अलग बात है....मॉडर्न बनने की होड़ में अपनी संस्कृति को न नजर अंदाज करे)-