मिल कर के तुझको, अब भी मेरा दिल उदास है
बुझ कर भी जो बुझी नहीं ये कैसी प्यास है?-
Vikas Jain
(✒️Vikas Jain ✒️)
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Strictly vegetarian
❇️रोज़ पहले से थोड़ा बेहतर ❇️
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Joined 6 August 2018
25 APR AT 14:35
25 APR AT 14:27
गर होता बेवफ़ा तो घिरा रहता भीड़ से
मुझ बावफ़ा को इश्क़ ने तन्हा सा कर दिया
(बावफ़ा - वफादार)-
10 APR AT 6:02
दवा ना काम की ताबीज भी ना काम आया
वो फ़िर मुझसे लड़ी तब जा के ही आराम आया
😓-
4 APR AT 11:10
मैं चाय पीयूँ और तू मुझे देखती रहे,,
हो जाये ज़िन्दगी हसीं ,फ़िर ना कमी रहे,,-
3 APR AT 10:28
बढ़ा ना हौंसला मेरा ,रकीबों में ही रहने दे
ज़माने को नज़र आये मुहब्बत ऐसी रहने दे
मरासिम कर ही डालेगा नया सा घाव फ़िर दिल पर
मुझे तेरी कमी है बस,कमी बस तेरी रहने दे-
1 APR AT 19:44
रिश्तों की गाँठे प्यार से भी खुल तो सकती थी
कैंची चला के सब तू ने बर्बाद कर दिया-
30 MAR AT 22:02
पलकों के इस तराज़ू में आँसूं ना तौलिये
अब गलती क्या थी मेरी? ज़रा खुल के बोलिये-
28 MAR AT 12:18
बहरों को क्यों सुना रहा हूँ मैं
अपने ही ग़म बढ़ा रहा हूँ मैं
अपना हक़ मांगा तो वो कहने लगे
ख़ुद ही रिश्ते मिटा रहा हूँ मैं-