दीदी हमें लिखने का प्लेटफॉर्म देती है
दीदी हमें लिखने को प्रेरित करती है-
सुंदर मनमोहक व्यक्तित्व वाली।
सबसे अच्छी हैं दीदू हमारी।।
चाय पीना है इन्हें बहुत भाता।
इनसे है हमारा बड़ा अनोखा नाता।।
खूबसूरत विचारों वाली ये कुलीन हैं।
मेरी प्यारी दीदू शांत और सुशील हैं।।
बहुत कम इनके बारे में मैं हूँ जानता।
पर जो भी है मैं अपनी दीदू को हूँ बहुत मानता।।
चाहे लाख गुस्सा करें ये मैं फिर भी इनको मनाऊँगा।
दुनिया चाहे जो बोले मैं तो आपको अपनी दीदी बुलाऊँगा।।-
हैं उनके दिल में जो आता
बड़े वो दिल से लिखती हैं..
हैं उनकी सादगी अच्छी
बड़ी अच्छी वो लगती हैं..-
#मेरी दिदी
कुछ लिखने का मन नही है
बस दिल भर आया है
और आँख भी
एक आंसु आँख से निकल के तेरे हाथ का इंतजार कर रहा है
कि कब तु अपने हाथ से उसका वजुद मिटाएगी
आैर मुझे "वेडा आहेस का" बाेलके चुप करा देगी,
पर शायद उस आंसु काे भी यकीन हाे गया है की
तु अब दुर चली गयी है उसका वजुद मिटाने काेई नही आयेगा
ईसलीये उसने खुद ही अपना वजुद मीटा लीया है,
उसने भी आंख मै आना छाेड दिया है.
बेटीया पराये घर का धन होती है,ये तो डँड के लीये हुआ ना,
पर भाई के लिये क्यु काेई कुछ नही कहता,लीखता.
हाँ वो तो पत्थर दिल होता है ना,तुझे चिढाने वाला,तुझे मारने वाला,हर वक्त तेरी चोटी खींचने वाला.
तलवार से तलवार को धार नही दी जाती,कीसीको तो पत्थर बनना पडता है ना, तेरे लीये वो पत्थर मै बना हुं.
क्यु की मै जानता हुं की गर मै रो पडता तो डँड रो पडते, मै रो दुंगा ताे माँ रो देगी,आैर फीर तु, आैर तेरे आँखो मे मै आँसु नही देखना चाहता.
मीशश यु ले दिदी.-
मेरी दीदी सबसे प्यारी,
सबसे न्यारी है वो,
सबकी राजदुलारी है वो,
माँ का मान,
पापा की जान है वो,
घर की पहचान है वो,
मैं हूँ उनकी परछाई,
भाई की है वो बैंक,
माँ की है वो हाथ,
पापा की है वो अरमान-
वो मोटी तो है, मगर दुनिया है मेरी,
वो हमराज़ है, वो हमनवा है मेरी,
जो मैं ज़मीन, तो वो आसमां है मेरी,
वो बस दीदी नहीं हैं, दीदी-माँ है मेरी🙏-
03:30 अब बज चुके फिर भी तुम ना आई हो ,
क्या गलती जो हो गई हैं जो तुम मुझको भूल गई हो,,
दीदी आप क्या जानो मुझको तुम कितना रुलाई हो
तब तुम जाकर मुझको unblock करके आई हो ,
इतना कोन रुलाता है दी जितना तुम रुलाई हो
अब मान जाओ। दीदी तुम इतना क्यों सताती हो
आखिर में भी भाई हूं , ये क्यों समझ ना पती हो-
दीदी मेरी बड़ी प्यारी,हर बीतो से है वो स्यानी,
हर दिन हमे पाठ पढाती,
कवीता रचने का गुण वो सिखलाती,
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ऐ खुदा मुझे भी, मेरी ईदी दे देता
भाई तो दिए,एक बड़ी दीदी दे देता-