लोग न! ज़िंदा रहने को तरस जाते हैं,बादलों से पहले अश्क़ बरस जाते हैं,रौशन करने में इक फ़क़ीर की झोपड़ी,जनाब चराग़ के चराग़ झुलस जाते हैं -
लोग न! ज़िंदा रहने को तरस जाते हैं,बादलों से पहले अश्क़ बरस जाते हैं,रौशन करने में इक फ़क़ीर की झोपड़ी,जनाब चराग़ के चराग़ झुलस जाते हैं
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ज्ञान, शौर्य, और जनसेवा के मानक बाबा हैंरहते सदैव मुस्कुराते श्री नानक बाबा हैं -
ज्ञान, शौर्य, और जनसेवा के मानक बाबा हैंरहते सदैव मुस्कुराते श्री नानक बाबा हैं
कुटिया पर श्री आपका, सजा हुआ है नाममाँ सिया को साथ लिए, आओ राजा राम -
कुटिया पर श्री आपका, सजा हुआ है नाममाँ सिया को साथ लिए, आओ राजा राम
साथ बैठे अपनो के ज़माना हो गयाऐसा भी यार क्या ही कमाना हो गयाकहाँ मिलता है अब कोई त्योहारों पेअच्छा व्हाट्सएप्प का बहाना हो गया -
साथ बैठे अपनो के ज़माना हो गयाऐसा भी यार क्या ही कमाना हो गयाकहाँ मिलता है अब कोई त्योहारों पेअच्छा व्हाट्सएप्प का बहाना हो गया
तेरी खातिर हम है यार! दावा करते सब,पर व्यस्त सदा रहने का छलावा करते सब,अपनी तकलीफों से खुद निबटना पड़ता है,साथ खड़े रहने का बस दिखावा करते सब -
तेरी खातिर हम है यार! दावा करते सब,पर व्यस्त सदा रहने का छलावा करते सब,अपनी तकलीफों से खुद निबटना पड़ता है,साथ खड़े रहने का बस दिखावा करते सब
तेरे आशीर्वाद से, बनते सारे कामदेखे तेरी गोद में, मैंने चारों धाम -
तेरे आशीर्वाद से, बनते सारे कामदेखे तेरी गोद में, मैंने चारों धाम
हो गए अनहद ताज़ा ताज़ा ज्ञानी,लिपटी अहंकार की बेल में वानी,एक बात सागर याद ये रखना तुम,प्यास बुझाता बस तालाब का पानी -
हो गए अनहद ताज़ा ताज़ा ज्ञानी,लिपटी अहंकार की बेल में वानी,एक बात सागर याद ये रखना तुम,प्यास बुझाता बस तालाब का पानी
न्याय की आशा में अडिग, डटी रही एक माँ, सात बरस संघर्ष करा, हटी नहीं एक माँ,रोज़ देख नरभक्षी चहरे, रह जाती थी जो,लड़ी तमाम अपीलों से, थकी नहीं एक माँ -
न्याय की आशा में अडिग, डटी रही एक माँ, सात बरस संघर्ष करा, हटी नहीं एक माँ,रोज़ देख नरभक्षी चहरे, रह जाती थी जो,लड़ी तमाम अपीलों से, थकी नहीं एक माँ
आकर अपने ब्याह की खुद ही date दे गई,रुख़्सार पे मेरे ख़ाबों के चपेट दे गई,शादी का लड्डू खाते..खाते रह गए हम,वो just friends की मुझे chocolate दे गई -
आकर अपने ब्याह की खुद ही date दे गई,रुख़्सार पे मेरे ख़ाबों के चपेट दे गई,शादी का लड्डू खाते..खाते रह गए हम,वो just friends की मुझे chocolate दे गई
आरामतलब वर्दी मन बहलाने लगी, बगिया में गुंडों को है टहलाने लगी,देख बंद आँखें पक्षधर चौकीदार की,बंदूकें अब सड़कों पर लहराने लगी -
आरामतलब वर्दी मन बहलाने लगी, बगिया में गुंडों को है टहलाने लगी,देख बंद आँखें पक्षधर चौकीदार की,बंदूकें अब सड़कों पर लहराने लगी