मेरा अहंकार मुझे, मुझसे आगे जाने नहीं देता
बंदिशें लगाकर बैठा है, खुशियों को आने नहीं देता
जाने कैसी ज़िद पाले है, मन कैसे खुद को ढाले है
बस गुमसुम बैठा रहता है, मुस्कुराने नहीं देता
मेरा अहंकार मुझे, मुझसे आगे जाने नहीं देता
बंदिशें लगाकर बैठा है, खुशियों को आने नहीं देता
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जो तोड़ सके मेरा जज़्बा,जन्मी ना कोई हार है
माथे पर... read more
अब तो चूंकि सब खत्म हुए वर्षों हो गए
मेरे ख्वाबों पर से कब्ज़ा कब छोड़ोगे-
सुना है जहां रक्त का बहाव अच्छा होता है, ज़ख्म जल्दी भर जाते हैं
कमबख्त 'दिल' जो दिन रात रुधिर में डूबा रहता है, इसके ज़ख्म भरने में ज़माने लग जाते हैं।-
सब कुछ पहले से तय है
तुझे बबात ही भय है
जो जान गया इस सत्य को
उसी की जय है-
पूरा साल देश को भ्रष्टाचार कर के नोचने वाले कीड़े भी आज कहीं न कहीं देश के लिए दिल और जान देने की कसमें खा रहे हैं।
ऊपर किसी नेता और अधिकारी की बात नहीं की गई है, उनके जैसा ईमानदार तो कोई है ही नहीं।-
खुद से खुद की, इक अनोखी जंग है
जिंदगी अलबेली का, ये कैसा रंग है
जीतना भी खुद से है, खुद को ही हराना है
खुद से ही सवाल करना, खुद को ही बताना है
ढलती सांसों में, जीने की नई सी उमंग है
जिंदगी अलबेली का, ये कैसा रंग है-
निहत्थों,बेकसूरों को मारना जिहाद नहीं होता
जन्नत धरा पर है, स्वर्ग मरने के बाद नहीं होता
अगर होती होंगी हूरें, तो वो थूकेंगी ही तुम पर
धर्म कोई भी हो... लाशों पर आबाद नहीं होता
निहत्थों,बेकसूरों को मारना जिहाद नहीं होता
जन्नत धरा पर है, स्वर्ग मरने के बाद नहीं होता-