QUOTES ON #मेरी_डायरी

#मेरी_डायरी quotes

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24 JUL 2021 AT 10:00

बस इतना सा फर्क है
दुनिया कहती है जल्दी आना
मां कहती है संभलकर आना

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25 JUL 2021 AT 19:34

कुछ दर्द ऐसे होते है,जिनका
दायरा सिर्फ खुद तक
सीमित होता है..वो
किसी और के साथ बांटे
नहीं जा सकते....

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Jara humhe bhi toh bataiye kya likha h apne ,
Humare pass toh kagaz bhi h kalam bhi h ,
Magar likhe bhi toh kya likhe jab dil hi apke pass hai...!!!

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19 DEC 2021 AT 12:46

कितना कुछ होना था,
जो उस वक्त नहीं हुआ।
कितना कुछ था उस वक्त
जो आज नहीं दिखा।
पेन ड्राइव खाली,
लैपटॉप में कुछ हैं ही नहीं,
कुछ पीडीएफ तो कुछ एक्सेल!

डायरी पर धूल जमी,
उसे दूर से देख,
वहीं रहने दिया।
जिस जमाने की बात मैं
कर रहा हूं,
उस वक्त वो मेरे
संग ही नहीं था।

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6 FEB 2021 AT 17:17

ये अकेलापन, अब अकेलापन न रहा,
ये बन गया है मेरा दीवानापन...
दीदी जैसी दोस्त थी समय ने ले लिया उसे...
एक दोस्त जैसा हमसफ़र था किसी ने छिन लिया उसे
अब बचा है मेरे पास सिर्फ
ये मेरा अकेलापन,
जो बन चुका है मेरा दीवानापन...
ये कलम है, हाँ व्यथा है...
ये डायरी है, हाँ प्यारी है...
मगर जीने के लिए बिक जाएगा ये भी क्योंकि
अभी भी शब्दों को बिकवाना जारी है
इसके अलावा है मेरे पास सिर्फ
ये मेरा अकेलापन,
जो बन चुका है मेरा दीवानापन...
जाते - जाते ये आत्मा परमात्मा में मिल जाएगी
ये शरीर भी मिट्टी में मिल जाएगी
ये किताब भी ज़माने में बिक जाएगी..
अब बचा है मेरे पास सिर्फ
ये आंसू और ये मेरा अकेलापन
जो बन चुका है मेरा दीवानापन... (*2)

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18 JUN 2020 AT 23:42

अपनी डायरी के पन्नों को
अपना नाम लिखना सिखाया है मैंने!
अपनी भाषा उनके रूह में उतारी है,
अपनी स्मृतियां उनके हृदय में डाली है,
अपनी कलम की हकलाहट दी है उन्हें।
स्वयं से जन्म दिया है मैंने उनको
एक नई आकृति, अलौकिक ज्ञान,
और कुछ अधूरे अक्षर।
खामोशी से गुनगुनाना सिखाया है मैंने
और कुछ अपने हृदय का भार
उनके सीने पर लादा हैं।
पर उन कोरे पन्नों को क्या दिया?
सबर के रैन तक का इंतजार
और कुछ समय का और विकास,
बिल्कुल एक माँ की भांति।
अपनी रुह दी हैं मैंने उनको
अपनी खुशियों और दुखों
का क्षण क्षण दिया है
और उन्हों ने क्या दिया?
ज़िन्दगी का एहसास और प्रेम
जो पूर्ण करती हैं मुझे!

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12 MAY 2018 AT 10:58

जिंदगी मे जो हम चाहते है , वो आसनी से नहीँ मिलता। लेकिन जिँदगी का सच यही है की हम भी वहीँ चाहते है जो आसान नहीँ होता!

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पहले हमें किसी चीज का सपना होता है फिर अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं फिर लक्ष्य को पाने के लिए काम (मेहनत) करते हैं ।काम करते करते ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाति है जिससे हम हताश, निराश हो जाते हैं । कभी कभी बोरियत से भर जाते हैं । कभी परेशान हो जाते हैं । कई तरह की नेगेटिव बातें मन में चलने लगती है । फिर काम में मन नहीं लगने लगता है । फिर हम मनोरंजन करने लगते हैं । और टाइमपास के लिए मनोरंजन का सहारा लेने लगते हैं । फिर मुख्य काम से ध्यान बंटने लगता है । फिर लक्ष्य भी भूलने लग जाते हैं ।
तब हम अचानक खाली सा महसूस करने लगते हैं । हमें तब कुछ भी अच्छा नहीं लगने लगता है । इस कठिन परिस्थिति में हम विभिन्न तरह की नकारात्मकताओं से घिर जाते हैं । इससे हर कोई जल्दी निकल या उबर नहीं पाते हैं ।
इस खतरनाक परिस्थिति से निकलने का सबसे आसान उपाय लेखन । लेखन के माध्यम से हमें खुद को जानने समझने का मौका मिलता है ।
तब समझ में आता है कि दरअसल मैं कौन हूं।
हमारा मन बड़ा शैतान है अगर इस पर निगाह नहीं रखी जाये तो पूरे जीवन को तबाह कर सकता है ।
और यहाँ ये भी जानना जरूरी है कि सिर्फ मन ही इस द्वन्द भुलभूलैया के लिए जिम्मेवार नहीं यहाँ के माहौल और लगातार और तीव्र गति से बदलती हुई दुनिया भी है ।

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7 MAR AT 15:36



कहो अचिंत्य!

अचिंत्य हम प्रेम को ईश्वर की तरह अपने नेत्रों के अश्रुओं से पूजते रहे, क्योंकि वो हमारे हृदय से उपजी एक निश्छल मुस्कान थी।

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इतनी छोटी उम्र में बहुत कुछ सहा है हमने,

दर्द, तकलीफ, झूठ, फ़रेब, धोखा सबकुछ पाया है हमने...

और आप तजुर्बों की बात करते हो??


#मेरी_ज़िंदगी😢💔😈✌️

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