जो लोग नहीं कह और लिख पाते
मन की बातें,
वो शेयर करते हैं कुछ पढ़ा हुआ अपने दोस्तों को
जो चुप चाप पढ़ते है और कुछ नहीं!-
_ हिमांशु
(अनुहिम)
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Joined 27 March 2020
9 JUN AT 21:27
2 JUN AT 22:29
दुःख कहने के लिए
दुःख में होना जरूरी नहीं।
दुःख में रहा जाता है,
दुःख कहा नहीं जाता।-
30 MAY AT 12:24
सबकी अपनी फिलॉस्फी सबकी
अपनी महाभारत है,
कौन सही कौन गलत
इसी में सबकी महारथ है।-
29 MAY AT 22:27
दुनियां में सबसे ज्यादा दुःख
मां बाप को दोषी करार देना
अपनी नाकामयाबी के लिए,
अपनी ज़िम्मेदारी को छपाने के लिए
अपने जीवन को बर्बाद होने के लिए।-
26 MAY AT 10:54
हमारी सभ्यता ने सीखा ही नहीं
सहेजना!
हमने सिखा तोड़ना,फोड़ना, कुचलना और दफनाना।-
10 MAY AT 0:54
बहुत कुछ बिगड़ गया,
जोड़ने की ख्वाइश में!
पहले रिश्तें और अब घर,
किसके भरोसे क्या था,
जिसने परोसा वो ही सन्नाटा।-