मैं नहीं बांधने वाला तुमको कहीं भी,
तुम जहां उड़ना चाहो उड़ना,
मैं तुम्हारा आसमान नहीं,
अपना आसमान ख़ुद चुनना।-
_ हिमांशु
(अनुहिम)
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Joined 27 March 2020
3 AUG AT 20:52
6 JUL AT 0:03
पहले से और भी चुप,
ख़ुद की अब परवाह,
हर बात पे रुकना,
सबकी सुनना,
क्या ही किसी को सुनना!
हां! अब कुछ याद नहीं रहने देता
क्या कहना और सुनाना।
अब तो बस!
इतवार की राहत,
शाम थोड़ी और थमे
कुछ ऐसी चाहत,
सुबह कुछ और देर से हो
रोज की यही कवायत।-
9 JUN AT 21:27
जो लोग नहीं कह और लिख पाते
मन की बातें,
वो शेयर करते हैं कुछ पढ़ा हुआ अपने दोस्तों को
जो चुप चाप पढ़ते है और कुछ नहीं!-
2 JUN AT 22:29
दुःख कहने के लिए
दुःख में होना जरूरी नहीं।
दुःख में रहा जाता है,
दुःख कहा नहीं जाता।-
30 MAY AT 12:24
सबकी अपनी फिलॉस्फी सबकी
अपनी महाभारत है,
कौन सही कौन गलत
इसी में सबकी महारथ है।-
29 MAY AT 22:27
दुनियां में सबसे ज्यादा दुःख
मां बाप को दोषी करार देना
अपनी नाकामयाबी के लिए,
अपनी ज़िम्मेदारी को छपाने के लिए
अपने जीवन को बर्बाद होने के लिए।-
26 MAY AT 10:54
हमारी सभ्यता ने सीखा ही नहीं
सहेजना!
हमने सिखा तोड़ना,फोड़ना, कुचलना और दफनाना।-