रचनात्मक संसार   (✍️Abhinandan Creations✨)
3.6k Followers · 1.5k Following

read more
Joined 12 January 2021


read more
Joined 12 January 2021

जिन्दगी एक पहेली है, जिन्दगी एक सहेली है ।
कहीं धूप तो कहीं छांव है, जिन्दगी कहीं खेल है,
तो कहीं अटखेली है ।
जिन्दगी रात है, कहीं जिन्दगी प्रभात भी है ।
है उजाला हर तरफ, तो कहीं पर...
जिन्दगी अंधेरी है । कहीं पर...
जिन्दगी अधूरी है, तो कहीं पर...
जिन्दगी अकेली है !
जिन्दगी के साथ चलते चल,
रे मुसाफिर ! हर पल तेरे साथ है,
कुछ खोजा कर, कुछ बनाया कर,
बस इन थोड़े से बातों में, खुद को उलझाया रख ।
जिन्दगी एक पहेली है, जिन्दगी एक सहेली है ।
©रचनात्मक संसार

-



नई दिशाओं का सफर है,
हौसला मेरा हमसफ़र है ।
मैंने जिंदगी के रास्तों को जाना है,
कई बार भटक भटक कर ।
मेरे लिए जो था रहा एक महल,
अब वो तो बन चुका है एक खंडहर ।
हंसते खेलते कट जाते थे रास्ते,
मगर अब काटे कटते नहीं क्षणभर ।
कितने भी जोखिम आएं,
हमें चलना है, रहना है हमेशा अग्रसर ।
हर बार ये देखना है,
पहले से हमारा, कैसा है जीवन स्तर ।
क्या हम जटिल चीजों में फंस कर रह जाते हैं,
या हर बार एक नई ऊंचाई को छू लेते हैं...
ऊपर उठकर...।
©रचनात्मक संसार

-



सादगी से भरी जिन्दगी,
खुशी से भरी जिन्दगी ।
कांटों से लगी जिन्दगी,
फूलों से पटी जिन्दगी ।
तोहफे में मिली जिन्दगी,
जिन्दगी से भरी जिन्दगी ।
सांस लेना तो हम भूल ही चुके,
खुशबुओं से भरी जिन्दगी ।
मसक्कत से मजबूत जिन्दगी,
आंसुओं से बिखरी हुई जिन्दगी ।
कुछ बदला है और कुछ नहीं बदला है,
सबकुछ बदल कर भी वही जिन्दगी,
हैं अब भी वही जिन्दगी,
हां मेरी जान, वही जिन्दगी...
©रचनात्मक संसार

-



कुछ ना कुछ तो करो प्रयास,
बैठे ना रहो धरे हाथ पर हाथ ।
समय बेतहशा भागा जा रहा है,
उसे पकड़ सको तो पकड़ो आज ।
आज उसमें कुछ सार्थक कर लो,
अपने कार्य से भर लो खुद में उत्साह ।
बिना आनंद के जीवन है बोझिल,
ना जाने कौन सी मुसीबत
देख रहा है इसकी राह ।
चोटिल है जिसका सिर,
क्या पूछते हो उसका हाल।
कविता ऐसी करो कि प्रतिबिंब देखकर,
बोलें सब वाह भाई वाह !
©रचनात्मक संसार

-



परिंदों की तरह रहना,
हवाओं के संग बहना ।
बूंद बूंद या बुलबुला कहूँ,
या कहूँ बादल मस्ताना ।
रूप कई कई लेकर तुम,
मस्त होकर अंबर से बरसना,
और बरसाना .... ।
परिंदों की उड़ान,
नहीं है मुश्किल उतना !
बस एक पांव बढ़ाना,
कठिन को, जटिल को
आसान बनाना ।
हवा में खुद को घोल देना,
परिंदों सा जीवन जीना...।
©रचनात्मक संसार

-



सपनों की पोटली में...

(पढ़ें अनुशीर्षक में)
©रचनात्मक संसार

-



सवेरा
का
अभिनंदन ...
🌻

©रचनात्मक संसार

-



कांटे
भी खूबसूरत नजर
आते हैं,
मैंने ना सोचा,
मैं तो उन्हें बस कोसता रहा,
आज उन्हें शुक्रिया...

©रचनात्मक संसार

-



©रचनात्मक संसार

-



दिल की कुछ बातें...

(पढ़ें अनुशीर्षक में)

© रचनात्मक संसार

-


Fetching रचनात्मक संसार Quotes