साँसों के शोर पर,
साँसों का जोर है
बाहर दिखता हूं में,
अंदर कोई औऱ है-
मैं अपनी कल्पनाओं में तुमको लिखती हु,,,
शब्द-शब्द में तुम्हारा प्यार नजर आए,,
यह अहसास तुमको समर्पित करती हूं,,,
मेरी हर शायरी में तुम ही तुम नजर आये,,
यह अहसास खुद को कराती हु,,,-
मै वो हूँ
जो खामोश रह कर भी
आपने जज़्बात जाहिर कर देती हूँ-
में रहुँ या ना रहूँ!
में रहुँ या ना रहूँ, तेरे आखों से आसुँ टपकाने नहीं दुंगा
बादा है मेरा हरपल तेरे यादों में रहुंगा!!
कितना भी भुला ने कि कोसिस करले तेरे साथ ही रहुंगा
कसम खाई थी मेने, तुम भुल सकते मुझे पर में तेरे साथ रहुंगा!!
में रहुँ या ना रहूँ, तुझे हसते हुए, तुझे खिलते हुए रखुंंगा
भले ही मुझे जोकर या, भूत बन कर रहे ना पड़े!!-
रूठ जाओ, रोक लो, जाने
ना दिया करो,...
मैं कहती हूं, मुझे समझा करो...
पर इतना भी ना समझा करो...-
ऐ मेरे दिलबर,,जरा करले तू मेरी फ़िकर
मांगू न कोई महल ,,बस चाहूँ हो तेरे दिल में
मेरी जिकर😍😍😍-
सच कहूं तो अच्छी दोस्ती किसी से हुई ही नहीं,
कहीं में ज्यादा अच्छा हो गया तो कहीं ज्यादा गलत ।-