घुटन सी होने लगी है लोगों के साथ रहने में मुझे,
सुकून देने लगा है हद से ज्यादा अकेलापन अब मुझे।-
वो मुझे पसंद करने लगी है
मेरी बातों को,मेरे यादों को
मेरे पागलपन को,मेरे पसंद ना पसंद को
मेरे हर लम्हों को वो क़ैद करना चाहती है
अपने नज़रो में कि
वो मुझे पसंद करने लगी है...
वो मुझे follow करती है
राहों में मेरा घण्टों इन्तज़ार करती है
मेरी एक झलक के लिए
वो ठहर जाती है एक पल के लिए
कहीं मैं उसके आसपास तो नहीं
मेरी मुस्कुराहट को देखकर
उसका चेहरा खिल उठता है
फिर भी
मैं उसे ignor करता हूँ,
मुझे पता है कि
वो मुझे पसंद करने लगी है...
मेरे style को,मेरे तरीकों को
मेरे इशारों को,मेरे नज़रों को
वो मुझे copy करने लगी है
मेरे दोस्तों से कहती है वो
कोई मुझसे उसे चुरा नहीं सकता
मैं उसे पसंद करने लगी हूं..!-
इशारों में मोह्हब्बत करना कोई मेरे महबूब से सीखे...
हमे देख कर अपनी लटें कान के पीछे करने लगती है ....-
मोहब्बत सी हो गई है, तेरे एक इंतजार में,
मुझे चाहत सी हो गई है, तेरे एक खयाल में।।
अब क्या बताएं इस जिंदगी का हाल,
अब तो टूट सा गया हूं,
एक मुलाकात के भंवर में।।
जब चाहत थी, तो दिन और रात का पता नहीं,
अब है, नहीं कोई ख्वाहिश,
तो जिंदगी का कुछ पता नहीं।।
यह तो शौक है, जिंदगी का,
जिसमें जिसकी चाहत बसी हो।।
नदियां भी सूख गई, तारे भी ओझल हो गए,
अब तमन्ना नहीं किसी और की,
बस तमन्ना नहीं किसी और की।।-
इतना करीब ना आओ की हम काबू में ना रहे.... जरा फाँसला बना के रखिये मोह्हबत का महीना है ये....
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सुनो..तुम्हारे साथ ना होने पर भी,
तुम्हारे होने का एहसास,अक्सर सुकून दे जाता है।-
मुझे फूंकने से पहले ...मेरा दिल निकाल लेना ,,
ये किसी की है अमानत ...कहीं साथ जल न जाये..!!
- शशांक भारद्वाज...-
आखरी दफ़ा समझ ले
जज़्बात इस दिल के
फ़ना कर दे मुझे
मुझसे मिल के...
(see caption)-
मैं तो मुश्किल... सवाल जैसा हूँ ,,
मुझे हर शख़्स छोड़ कर... चला जाता है ..!!
- शशांक भारद्वाज...-