पिता
जिसने हमें इस जहाँ मे लाया
जिसने हमें इस काबिल बनाया
चलना, पढ़ना, लिखना सिखाया
गिर कर हमें सम्हलना सिखाया
हम उनको करते अभिननंद हैं
हम उनको करते वंदन हैं
प्रथम शिक्षक है वो मेरे
Super Hero है वो मेरे
हमें सारे गमों से बचाये
रहते हैं सदा साथ वो मेरे
साथ हर कदम है वो मेरे
हृदय में बसे है वो मेरे-
Writer
rajankitmaurya.blogspot.com
मैं वो हूँ जिसे आप
समझ कर भी समझ नहीं सकते
जो स... read more
अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
प्यारी भांजी अंशिका
कोयल सी उसकी मीठी बोली
फूलों सी उसकी मुस्कान है
भोली सी सूरत, नटखट सी है
प्यारी भांजी मामा की जान है
सबसे खुशनसीब होते है , मामा
क्योंकी मामा होना तो सम्मान है
तारों सा रौशन तेरा जीवन हो
नदियों सा निर्मल तेरा मन हो
हर कदम पे मिले कामयाबी
यही ईश्वर से मांगते वरदान है
खुशियों से भरा हो तेरी सफर
लक्ष्य पर हो तेरी कड़ी नजर
जन्म दिन की शुभकामनाएँ देते
मामा और पूरे परिवार मिल कर-
हर दिन को दिवाली बनाने वाली
हर संतानों को खुश रखने वाली
जिसके बिना ये दुनिया अधूरी
वो ही तो माँ है प्यार बर्षाने वाली
गम को खुशियों से मिटाने वाली
स्वम माँ तु भूखे रह कर भी
अपने संतानो को भूख मिटाने वाली
वो ही तो माँ है, ममता बर्षा ने वाली
जिसके प्यार के आगे सारा प्यार झूठा है
वो बेरंग दुनिया को रंगीन बनाने वाली
जिसके सजदा में लोग शीश झुकाते है
वो ही तो माँ है, आशीर्वाद बर्षा ने वाली
हमें खुश देख कर खुद खुश होने वाली
हमे चोट लगे तो आँखे नम करने वाली
उँगली पकड़ कर चलना सिखाने वाली
वो ही तो माँ है, हमे जीवन देने वाली
तेरी गुणगान में शब्द कम पड़ जाता हैं
जो एक थप्पड़ लगा के खुद रोने वाली
जिसके ना होने से दुनिया सुना लगता है
वो ही तो माँ है, हमे खुशियाँ देने वाली
जिला-औरंगाबाद ( बिहार )-
मजदूर है, मजबूर नही
देश के पहचान है वो
अपने अपने राष्ट्र में,
करते राष्ट्र निर्माण है वो-
🧚♀️प्यारी भांजी 🧚♀️
अवतरण दिवस है भांजी की
आज उसकी बाते बतलाता हूँ
उसकी खूबियाँ और मस्तियाँ
आज सब को सुनाता हुँ
मेरा नन्ही सी प्यारी भांजी
बचपन की वो याद दिलाती
घर में खूब मस्तियाँ करती
हंसती और सब को हँसती
मनमोहिनी छबि है उसकी
हर बातें उसकी न्यारी है
अपनी घर की राजकुमारी
मामा का भांजी प्यारी है
ट्विंकल, जॉनी या मछली जल की
वो हर बार सुनाती मुँह जुबानी है
क्या लिखूँ और उसके बारे में
उसकी तो अनेको कहानी है
सब के आशीर्वाद से तू
गरिमा, तु गगन छू ले
दृढ़ संकल्प परिश्रम से
ज्ञान का सागर भर ले-
यादें
कुछ यादें है खट्टी सी
कुछ यादें है अच्छी सी
कुछ यादें रुलाती हैं
कुछ यादें हँसाती हैं
हम जिन्दगी जीते जाते हैं
ये यादों में बदल जाते हैं
बचपन के यादें क्या यादें हैं
वो आज भी ताजे-ताजे हैं
स्कूल वाला पहला दिन हो
या आपस का झगड़ा हो
बाहर जा के खेलना हो
या पेड़ो पर झूलना हो
वो शरारत वाले दिन
दादाजी के कहानी वाले रातें
उन दिनों के वो बातें
आज भी हमें याद आते हैं-
इश्क है तुम से...
तभी तो याद कर रहा हूँ!
तुम्हें पाने का...
हर पल ख़ाब देख रहा हूँ!!-
बड़ी दिनों के बाद,
आया हूँ इस महफ़िल में !
बातों से सब की चेहरा पर मुस्कान लाकर
और बस जाऊंगा सब के दिल में !!-
वादियों सा ये दृश्य हुआ
हमारे देव सूर्य नगरी में
प्राकृत का ये खेल देखो
हमारे देव सूर्य नगरी में-