QUOTES ON #मिशन

#मिशन quotes

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31 JUL 2020 AT 7:30

चींटियों की एक लम्बी कतार
ऐसे चल रही थी...
जैसे किसी मिशन के लिए
भारी तदाद में निकली फौज,
और अपने कमांडर के निर्देशों का
बखूबी पालन किया जा रहा था।
कमांडर चींटी जिस ओर भी
अपना रुख करती,
सभी चींटियां उसी दिशा में
बढ़ जाया करती थी।
पता नहीं ये चींटियां कौन से
मिशन पर जा रही थी,,
पर मैंने इसे एक लम्बी दूरी
तय करते हुए देखा...

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7 SEP 2019 AT 15:53

न हौसला टूटा है, न ही हम हारे हैं ।
चाँद हम फिर आएँगे, संकल्प हमारे हैं ।।
इतिहास दोहराएंगे,
पत्थर पानी में तैरे , सेतु सागर में बांधा ।
चाँद पर आएँगे, तिरंगा फहराएँगे,
चाँद हम फिर आएँगे ।।

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24 APR 2022 AT 14:22

नीरा की जिंदादिली
आइए पढ़ते हैं कैप्शन में एक वारदात जो
नीरा के साथ रसोई में घटित हुई घटना ।

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1 JUL 2020 AT 7:33

वो आ गया है, नए आगाज़ लिए।
वो आ गया है, नए परवाज़ लिए।
परवाह करता नहीं वो किसी बेरुखी का,
वो आ गया है, नए अंदाज़ लिए।

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इल्म हो चला ऑनलाइन यहाँ पर
आओ खड़ी करें एक बुनियाद यहाँ पर

मिशन बुनियाद से इल्म की राह बनाएं यहाँ पर
आओ भाषा और गणित समझाएं उन्हें ऑनलाइन पर

उम्मीद का दीपक चलो जलाएं यहाँ पर
मिशन अपना पूरा कर जाएं हम यहाँ पर

शब्द ,वाक्य और अनुच्छेद की समझ बनाएं यहाँ पर
जोड़ना ,घटाना ,गतिविधियों से समझाएं उन्हें यहाँ पर ।

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7 SEP 2019 AT 11:28

मेहनत अगर टूट के की गई हो
और कुछ कर गुजरने का हौंसला हो
तो सफलता की यात्रा लम्बी तो हो सकती है
लेकिन असम्भव नहीं।।

हम फिर से आएंगे चाँद तेरे आंगन में
अपनी मोहब्बत का इजहार करने
वादा है तुमसे अपनी मोहब्बत का
लौट के फिर से आऊंगा

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6 MAY 2023 AT 15:22

संत निरंकारी मिशन
एक धर्म नही,
सब धर्मो का मेल है,

मंजिल है वही,
काल परस्थिति के
अनुसार रास्ते
मे फेर बदल है,

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27 NOV 2020 AT 16:32

सकल विश्व को जिसने अपने ज्ञान सूर्य से दीप्त किया
उसकी प्रभातकिरण से आज क्यों रक्तचित्र सा भास हुआ
क्यों थमा रुका सा है प्रवात
क्यों आक्रोशित सी सरिता है
क्यों मूक तरु के मलिन पुष्प पर उन्मन सा गुंजन बैठा है
बिन बादल घनघोर घटा क्या आसमान में छाई है
या सूर्य राहु ग्रास बना और दिवस अमावस आई है
कलरव से हाहाकार हुआ क्यों
मुदित मुदित सा काल हुआ क्यों
पत्तों से गिरती बूंदों से वृक्षों का आर्तनाद हुआ क्यों
व्याकुल चितवन आकुल मधुबन
क्यों नीरवता का भान हुआ
हे गंगे तेरी भूमि पर फिर नारी का अपमान हुआ। हे
ऋषियों की भूमि पर मैंने उस निर्ममता को देखा है
पूजित होती दुर्गा रूपी उस नारी को मरते देखा है
हरबार प्रकृति सी नारी क्यों अपनों से ही छली जाती है
फिर लज्जित होती मानवता जा विवरों में छिप जाती है
हे भरतपुत्र हे आर्यश्रेष्ठ उठ जाग तू अब तो खोल नेत्र
रजनी का अवसान तो कर नवप्रभात का आह्वान तो कर
क्यों अंधकार में पड़ा हुआ है ज्ञानदीप दर खड़ा हुआ
उपनिषदों की वाणी को पढ़ उठ धर्म की उस राह पर बढ़
ममता का परिचय माता है वह पत्नी भगिनि सुजाता है
उस नारी का सम्मान तो कर पुनिभूमि का अपमान न कर
है सृष्टि का तू जीवश्रेष्ठ मानवता का परित्याग न कर
उस शक्ति का सम्मान तो कर उस नारी का अपमान न कर

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19 JAN 2023 AT 4:10

# 20-01-2023 # गुड मार्निंग # काव्य कुसुम #
# अमृत काल # प्रतिदिन प्रातःकाल 0 6 बजे #
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ज्वलंत मुद्दों पर जवाब देने के बजाय टी शर्ट पर सवाल करते हैं।

कदम - दर -कदम चाल-चलन पर ख़ामख़याल बवाल करते हैं।

अमृत काल में देश को आगे ले जाने के अपने मिशन पर ध्यान दो -

विकास के मुद्दों से जनमानस को भटका कर कमाल करते हैं।
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8 JUL 2021 AT 10:10

Competition का जमाना है यार
यहां हर क्षेत्र में competition है...
श्रेष्ठ बनने में "कमरतोड़ मेहनत" करनी पड़ेगी
चाहे आपका कुछ भी बनना/ करना mission है...

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