QUOTES ON #माता

#माता quotes

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4 MAR 2021 AT 23:34

हठ कर बैठा चाँद एक दिन
माता से यह बोला...

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18 DEC 2021 AT 23:21

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23 APR 2020 AT 10:00

अगर मां तू होती।
तेरी गोदी में सर रखकर सो जाता
शायद कुछ बोझ हल्का हो जाता
अगर मां तू होती ।
तो दिल की हर बात तुझे बताता
शायद दिल के बोझ हल्का हो जाता

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25 MAR 2020 AT 18:55

संसार के कवियों
तुम साधारण नहीं हो
क्योंकि प्रकृति ने दिया है
सृजन का अधिकार केवल
माताओं और कवियों को

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खिलती कली हो तुम खुशबूदार कचनार की
बहती प्रीत की सरिता हो मधुर जलधार की
पहली पसंद हो तुम इस गीतकार के प्यार की ,
नमस्कार है जय-जयकार है तुम्हारे व्यवहार की !
आओ,मेरी बाहों का हार लो !
मुझे प्यार से पुकार लो !!

(पूरी कविता अनुशीर्षक मे पढे)

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24 JUN 2020 AT 18:05

"Sky is blue weather is Gorgeous,

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10 MAY 2020 AT 14:15

जाे दर्द में रहकर भी दर्द भूला देती है
वाे हस्ती काेई आैर नहीं "माँ" हाेती है

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23 OCT 2023 AT 10:18

माँ दुर्गा के नवम दिवस को "माँ सिद्धिदात्री" की उपासना की जाती है।
मेरे भक्तों! ये सभी प्रकार की सिद्धियाँ देने के लिए जानी जाती है।
आज के दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ पूजा
साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है।
सृष्टि में कुछ भी उसके लिए फिर अगम्य नहीं रह जाता है "अभि"
ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।
माँ सिद्धिदात्री को देवी "सरस्वती" का भी स्वरूप माना जाता है।
इच्छाओं की सिद्धि व पूर्ति करने के लिए माँ सिद्धिदात्री कहलाती हैं।
माँ सिद्धिदात्री की आराधना से अणिमा, लधिमा, प्राकाम्य, महिमा,
प्राप्ति, सर्वकामावसायिता, ईशित्व, दूर श्रवण, परकामा प्रवेश, वाकसिद्ध
व अमरत्व भावना सिद्धि समस्त सिद्धियों नव निधियों की प्राप्ति होती है।
माँ को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा भोग लगता हैं।
नवरात्रि के शुभ नौवें दिन ही कन्याओं को बुलाकर कन्या पूजा किया जाता है।
माँ की अनुकंपा से ही भगवान शिव को"अर्धनारीश्वर" रूप प्राप्त हुआ था।
"सिद्धिदात्री" को प्रसन्न करने के लिए बैंगनी रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
देवी दुर्गा के नौ रूपों में यह सिद्धिदात्री रूप अत्यंत ही शक्तिशाली रूप है।
माँ लक्ष्मी सदृश्य माता सिद्धिदात्री भी कमलासन पर विराजमान होती हैं।

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1 SEP 2021 AT 17:19

घाट घाट घूमौ बैरागी,
फिरऊ राम सौं ना मिल पाऔ रे |

जो लौट कुटिया चरण छूए माता के,
तो बूझे, पूरौ बैकुंठ मात चरण में समाओ रे ||

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9 JUL 2017 AT 9:30

पर्व आज है बहुत ही खास
हुयी गुरू पूर्णिमा की शुरुआत
लेकर माता-पिता गुरु का नाम
दिल से उनकों करो प्रणाम

हर कोई गुरु है अपना होता
जो सही राह का पाठ पढ़ाये
विपरीत अगर हों परिस्थितियां
तो गुरु ही उससे पार लगाये

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